Oct 17, 2024
Bhopal : अगर आपको भी घूमने-फिरने का शौक है और आप पर्यटन से संबधित अच्छी जानकारी रखते है तो इस खबर को आपको जानना चाहिए. मध्यप्रदेश में कई ऐसे ऐतिहासिक स्थल है जहां पर लोग अक्सर जाते है. इन स्थलों में कभी राजा-महाराजाओं का इतिहास होता है तो कभी पुराने वक्त की शानदार वास्तुकला से मन आनंद से भर जाता है. मध्यप्रदेश के इतिहास और यहां पर कला को संरक्षित करने की भावना से UNESCO (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) भी अच्छे से परिचित है. इसी कारण से मध्यप्रदेश के कई ऐतिहासिक स्थल UNESCO की लिस्ट में शामिल है. कुछ स्थलों को टेंटेटिव लिस्ट में शामिल किया गया है तो कुछ को परमानेंट लिस्ट में शामिल किया जा चुका है. ताजा़ खबर ये है की ओरछा के ऐतिहासिक स्मारकों के समूह को भी UNESCO ने विश्व धरोहर की टेंटटिव लिस्ट में शामिल कर लिया है.
UNESCO (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization) ने मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड (Madhya Pradesh Tourism) द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव को , जिसमे ओरछा के ऐतिहासिक स्मारकों के समूह को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के आग्रह था , को स्वीकार कर लिया है. ओरछा के समावेश की सिफारिश वर्ष 2027-28 के लिए की गई है.
भारतीय राजदूत विशल वी शर्मा ने इस प्रस्ताव की फाइल यूनेस्को विश्व धरोहर केंद्र के निदेशक लाज़रे एलोंडू अस्सोमो के सामने रखी थी. एक बार जब यूनेस्को द्वारा आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त हो जाएगी, तो ओरछा भारत का एकमात्र राज्य-संरक्षित विश्व धरोहर स्थल बन जाएगा. हर साल, केंद्रीय सरकार देश के एक धरोहर स्थल को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में नामांकित करने की बात कही है.
MP से UNESCO की लिस्ट में कौन से ऐतिहासिक स्थल शामिल है ?
अभी, मध्य प्रदेश के 14 ऐतिहासिक स्थलों जैसे ग्वालियर किला, बुहरानपुर का खूनी भंडारा, चंबल घाटी की चट्टान कला स्थल, भोजपुर का भोजेश्वर महादेव मंदिर, रामनगर के गोंड स्मारक, धमना के ऐतिहासिक समूह, मंडू के स्मारक, ओरछा का ऐतिहासिक समूह, भेड़ाघाट-लामेटा घाट के पास नर्मदा, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और चंदेरी यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल हैं.
इसके अलावा, खजुराहो का मंदिर परिसर, भीमबेटका की गुफाएँ और साँची स्तूप यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की परमानेंट लिस्ट में शामिल हैं. ओरछा अपने ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला के चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है, जिसमें ओरछा किला, महल, मंदिर और छतरियाँ शामिल हैं. किला परिसर में राजपूत और मुगल वास्तुकला की एक खूबसूरत संयोजन देखने को मिलती है, जो एक आकर्षक माहौल बनाती है.