Jul 12, 2017
एयरलाइंस में 100 फीसदी विदेशी निवेश के फैसले पर अमल में अड़चनें पैदा हो गई हैं। एक न्यूज चैनल से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो ने सुरक्षा कारणों से इस फैसले के अमल पर रोक की मांग की है। सूत्रों का कहना है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो ने एयरलाइंस में 100 फीसदी विदेशी निवेश की छूट न देने की सलाह दी है। इंटेलिजेंस ब्यूरो की दलील है कि अमेरिका और कनाडा में एयरलाइंस में सिर्फ 25 फीसदी विदेशी निवेश की छूट है। वहीं, अभी डिफेंस एयरफील्ड में विदेशी एयरलाइंस की छूट नहीं है। लिहाजा इंटेलिजेंस ब्यूरो को एयरलाइंस कंपनियों का पूरा नियंत्रण विदेशी हाथों में देने पर आपत्ति है। इंटेलिजेंस ब्यूरो के मुताबिक युद्ध या युद्ध जैसे हालात में विदेशी एयरलाइंस से मुश्किल हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो चाहता है कि घरेलू एयरलाइंस कंपनियों में दो तिहाई डायरेक्टर और चेयरमैन भारतीय होने चाहिए। माना जा रहा है कि इंटेलिजेंस ब्यूरो के आपत्ति के बाद घरेलू एयरलाइंस में 100 फीसदी विदेशी निवेश के फैसले की तुरंत समीक्षा की जाएगी। विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा है कि वे इंटेलिजेंस ब्यूरो से इस मसले में बात करेंगे। उन्होंने कहा कि वो आईबी की आपत्तियों पर गौर करेंगे।