May 7, 2023
जुलाई 2020 में, तत्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पार्टी के 18 अन्य विधायकों ने गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भारतीय जनता पार्टी के दो अन्य नेताओं ने 2020 के विद्रोह के दौरान उनकी सरकार को बचाने में मदद की थी।
पार्टी में अपने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधते हुए, गहलोत ने कहा कि उन्होंने उन कांग्रेस विधायकों से अनुरोध किया था, जिन्होंने 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान "पैसा लिया" "इसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लौटा दें"।
उन्होंने कहा - “अमित शाह, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और धर्मेंद्र प्रधान ने मिलकर मेरी सरकार को गिराने की साजिश रची। उन्होंने राजस्थान में पैसे बांटे और अब पैसे वापस नहीं ले रहे हैं। गहलोत ने धौलपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, मैं हैरान हूं कि वे उनसे (विधायकों) पैसे वापस क्यों नहीं मांग रहे हैं ,आगे उन्होंने कहा, "मैंने विधायकों से यहां तक कह दिया है कि उन्होंने जो भी पैसा लिया है-10 करोड़ या 20 करोड़- अगर आपने कुछ खर्च किया है, तो मैं वह हिस्सा दे दूंगा या एआईसीसी (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) से ले लूंगा।"
जुलाई 2020 में, कांग्रेस नेता और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और पार्टी के 18 अन्य विधायकों ने गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया। लगभग एक महीने तक चले संकट के बाद पार्टी आलाकमान ने हस्तक्षेप किया और पायलट को डिप्टी सीएम और राज्य कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया।
गहलोत की टिप्पणी जब आई है तब टोंक विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पायलट ने कहा था , वह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे, भले ही कुछ लोग इसे पसंद न करें।
गहलोत ने कहा कि भाजपा के तीन नेताओं- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल और विधायक शोभरानी कुशवाह के समर्थन से उनकी सरकार बच सकी । उन्होंने कहा कि जिस तरह उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए भैरोंसिंह शेखावत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार गिराने का समर्थन नहीं किया था, उसी तरह राजे और मेघवाल ने तीन साल पहले कांग्रेस सरकार गिराने का समर्थन नहीं किया था।








