Feb 6, 2018
पीएम मोदी के मुँह से जबसे पकौड़े शब्द का उच्चारण हुआ है। पकौड़े देश की राजनीति पर छा गया। आज पकौड़े ने नेताओं के दिलो में एक अहम स्थान बना लिया है। मुद्दे के रूप में पकौड़ा आज विपक्ष की पहली पसंद बन गया है। इन दिनों भाजपा और विपक्ष के बीच बयानों में पकौड़े का किरदार बड़ा अहम् हो गया है।
हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा में अपना पहला भाषण देते हुए कहा कि बेरोजगारी से अच्छा है पकौड़े बेचना, परिश्रम से पैसे कमाना बस फिर क्या था, पकौड़ा फिर सुर्खियों में आया। इस मुद्दे को लेकर इस समय राजनीति गर्म है। मोदी द्वारा पकौड़ा बेचने को भी रोजगार बताने पर पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त पी चिदंबरम ने लिखा था, अगर पकौड़ा बेचना नौकरी है तो भीख मांगने को भी रोजगार के तौर पर देखना चाहिए।
गौरतलब है कि यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने छत्तीसगढ़ के रायपुर में भाजपा के विरोध में पकौड़ा प्रदर्शन आयोजित किया, और छत्तीसगढ़ में शिक्षित बेरोजगार पकौड़ा सेंटर खोल दिया। उन्होंने बैनर पर लिखा हर साल 2 करोड़ की नौकरियां भजिया बेचने को मजबूर। रोजगार के मुद्दे पर इस प्रकार से चौतरफा आलोचना झेल रही मोदी सरकार अब अपने विरोधियों से बचने का रास्ता तलाश रही है। इसके लिए बीजेपी नेता और सांसद अजीब-अजीब तरह की तर्क दे रहे हैं। आलम ये है कि अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरकार के लोग पकौड़ा बेचने को भी रोजगार मानने लगे हैं।
आपको बता दें कि कांग्रेस बीजेपी को लगातार रोजगार के मुद्दे पर घेर रही है। हालांकि बीजेपी भी अपने विरोधियों को जवाब देने की कोशिश कर रही है। अमित शाह ने राज्यसभा में कहा, मैं मानता हूं बेरोजगारी की समस्या है मगर 55 साल से कांग्रेस शासन के बाद ये हाल है तो कौन जिम्मेदार है। बता दें कि नरेन्द्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव के वक्त हर साल 1 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन सत्ता में आने के बाद वास्तविकता कुछ और ही है। बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर देशभर में कई जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
इसी क्रम में समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में रामपुर में पकौड़ा प्रदर्शन आयोजित किया, यहां सपा नेता आजम खान भी मौजूद रहे थे, यहाँ भी पकौड़े तले गए। बहरहाल अभी पकौड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है और विपक्ष इस लज़ीज मुद्दे को फ़िलहाल छोड़ने के मूड में नहीं है।