Jul 24, 2023
विपक्षी गठबंधन इंडिया ने मणिपुर मुद्दे पर संसद में प्रधानमंत्री के बयान और चर्चा की मांग की; राज्यसभा अध्यक्ष धनखड़ द्वारा आप के संजय सिंह को निलंबित करने के बाद नेताओं ने बारी-बारी से धरना दिया और पूरी रात रैली की; अमित शाह ने विपक्ष पर लगाया बहस रोकने का आरोप, कहा- नियम 176 के तहत चर्चा के लिए तैयार.
मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने और उसके बाद हुए सामूहिक बलात्कार के वीडियो पर संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की मांग सोमवार को तेज हो गई. दोनों सदनों में बार-बार स्थगन के साथ लगातार तीसरे दिन बिना किसी कामकाज के गतिरोध जारी रहा. आप नेता संजय सिंह को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया, क्योंकि वह इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर अपनी जगह से उढकर पास आकर नारे लगाने लगे थे. धनखड़ की टीएमसी नेता डेरेक ओ'ब्रायन से भी नाराज़गी हुई, जब डेरेक ओ'ब्रायन ने चर्चा के लिए सांसद के नोटिस में पार्टी संबद्धता का विवरण न देने का विरोध किया.
इसके विरोध में, विपक्षी गठबंधन इंडिया ने संसद परिसर में पूरी रात आंदोलन किया, जिसमें नेता बारी-बारी से महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास बैठे रहे. उन्होंने कहा कि विरोध आज (मंगलवार) भी जारी रहेगा. आखिरी बार पूरी रात विरोध प्रदर्शन जुलाई 2022 में 20 निलंबित राज्यसभा सदस्यों द्वारा किया गया था. टीएमसी ने कहा, “यह निर्णय स्पष्ट रूप से लोकतंत्र के सार को नष्ट कर देता है, इस तथ्य को उजागर करता है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार मणिपुर मुद्दे पर किसी भी सार्थक चर्चा से बचने के लिए बेशर्मी से हर संभव रणनीति अपना रही है.” लोकसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित होने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर चर्चा को रोकने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार बहस के लिए तैयार है और मणिपुर मुद्दे पर सच्चाई सामने आना जरूरी है.
नियम 267 के तहत लंबी चर्चा चाहता है विपक्ष; सरकार "छोटी चर्चा" चाहती है
जबकि विपक्ष चाहता है कि संवेदनशील मामले पर नियम 267 के तहत चर्चा की जाए, जिसमें सदन में सभी कामकाज निलंबित हैं और बाद में मतदान हो सकता है, सरकार नियम 176 के तहत "अल्पकालिक चर्चा" चाहती है, और विपक्ष शासित राज्यों राजस्थान और पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर भी चर्चा करना चाहती है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने पीएम द्वारा एक व्यापक बयान पर जोर दिया, जबकि सरकार ने कहा कि वह पहले ही इस घटना पर अपनी "पीड़ा" व्यक्त कर चुके हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ''अगर पीएम मणिपुर पर चर्चा के लिए सदन में आते हैं तो आसमान नहीं गिर जाएगा. इस मामले पर यूरोप से लेकर अमेरिका और अन्य जगहों पर दुनिया भर में चर्चा हो रही है.'' यह अकेले गृह मंत्रालय का मामला नहीं है, बल्कि पूरे देश का मामला है. यह एक विनम्र मांग है.' मांग को खारिज करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि इस मामले का जवाब संबंधित मंत्री को देना है, जो मौजूदा मामले में गृह मंत्री हैं.








