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देश में होगी जातिगत जनगणना, कैबिनेट मीटिंग में पीएम मोदी ने लिया बड़ा फैसला

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Apr 30, 2025

कैबिनेट मीटिंग के दौरान मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। विपक्ष की मांगों पर लगाम लगाते हुए केंद्र सरकार ने देश में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है। यह जनगणना मूल जनगणना के साथ ही किया जाएगा। मूल जनगणना में ही जाति का कॉलम भी होगा। यह देश की पहली जातिगत जनगणना और मोदी सरकार की पहली जनगणना होगी। सरकार के फैसले की जानकारी कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया ब्रीफिंग में दी।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार इस साल सितंबर से जनगणना कराने जा रही है। जिसमें जाति का कॉलम भी शामिल होगा। इस जनगणना को पूरा होने में दो साल का समय लगेगा। इसके परिणाम 2026 के अंत या 2027 में आएंगे। यह पहली बार होगा जब भारत में जातिगत जनगणना कराई जाएगी। अभी तक केवल बिहार ने जातिगत जनगणना कराई है।

पूर्व पीएम ने कहीं थी जातिगत जनगणना की बात

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा जातिगत जनगणना को अपने फायदे के लिए प्रयोग किया है। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मोहन यादव ने संसद में इस पर विचार करने की बात कही थी। लेकिन उन्होंने जनगणना नहीं कराई सिर्फ सर्वे कराया। मंत्री ने कहा कि जातिगत जनगणना केंद्रीय सूची का विषय है।

 विपक्ष लंबे समय से कर रहा जातिगत जनगणना की मांग

देश में जातिगत जनगणना को लेकर विपक्ष लंबे समय से मांग कर रहा था। कांग्रेस ने कहा था कि वह सरकार में आएगी तो जातिगत जनगणना कराएगी। और आरक्षण को 50 फीसदी करेगी। राहुल गांधी हाल में ही अमेरिका दौरे पर गए थे, वहां उन्होंने जातिगत जनगणना को सही बताया था। वहीं SP, RJD, BJD, BSP, NCP और शरद पवार भी देश में जातिगत जनगणना की कराने की मांग कर रहे थे।

जनगणना के इतिहास पर एक नजर...

भारत में मौर्यकाल से हो रही जनगणना

भारत में महाजनपद काल, चंद्रगुप्त मौर्य और अशोक के समय में भी जनगणना जैसी प्रक्रियाएं होती थीं। कौटिल्य के अर्थशास्त्र में जनसंख्या, आय, कर आदि के आंकड़े इकट्ठा करने की विधियों का उल्लेख मिलता है। उस समय भी गांव, पशुधन, कृषि उत्पादन आदि का लेखा-जोखा रखा जाता था।

1872 में शुरू हुई थी पहली जनगणना

भारती में पहली जनगणना ब्रिटिश काल में आंशिक और असंगठित रूप से 1872 में कराई गई थी। इसके बाद पहली संपूर्ण और संगठित जनगणना 1881 में लॉर्ड रिपन के शासन में कराई गई थी। इसे ही पहली "आधिकारिक अखिल भारतीय जनगणना" माना जाता है।  इसके बाद से हर 10 साल में जनगणना होती आ रही है।

 स्वतंत्र भारत में अब तक हो चुकी 7 जनगणनाएं

स्वतंत्रता के बाद अभी तक देश में सात जनगणनाएं कराई गई है। जिसमें 1951, 1961, 1971, 1981, 1991, 2001, और 2011 की जनगणना शामिल है। इसके बाद 2021 की जनगणना कोरोना के कारण टल गई थी। जिसके बाद अब केंद्र सरकार जनगणना कराने जा रही है। जो कि मोदी सरकार की पहली जनगणना होगी। इसके बाद क्रम बिगड़ने के कारण अगली जनगणना 2035 में कराई जाएगी।

 

 

 

 

 

 

Report By:
RAGINI RAI