Sep 4, 2022
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को रामपुर का दौरा किया। यहां उनका हेलीकॉप्टर पुलिस लाइन में उतरा। यहां उन्होंने रामपुर पुलिस लाइन में निर्माणाधीन आवासीय भवनों के बारे में जानकारी हासिल की। इसके बाद सीएम राजकीय बाल गृह शिशु पहुंचे। यहां उनका स्वागत 2 हजार महिलाओं और बच्चों ने किया। सीएम ने बाल गृह शिशु पहुंचकर बच्चों से मुलाकात की। जिसके बाद सीएम फिजिकल कॉलेज के मैदान में पहुंचे जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। साथ ही सीएम योगी ने 72 करोड़ की 22 परियोजनाओं का शिलायन्स भी किया।
इस दौरान कार्यक्रम में मोहित बेनीवाल, कैबिनेट मंत्री धर्मपाल, शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी, कृषि मंत्री बलदेव सिंह औलख, सांसद घनश्याम सिंह लोधी, जिला पंचायत अध्यक्ष ख्याली राम लोधी, विधायक राजबाला, सूर्य प्रकाश पाल, जिला अध्यक्ष अभय गुप्ता आदि लोग भी मौजूद रहे।
आजम खान पर निशाना
जन संबोधन के दौरान सीएम योगी ने कहा कि,"रामपुर की जनता ने सुरक्षा और समृद्धि के साथ विकास चुना इसके लिए मैं जनता को मुबारकबाद देता हूं। रामपुर की अपनी अपनी पौराणिक पहचान है।" आजम खान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि,"रामपुरी चाकू पहले गलत हाथों में था। हमने रामपुरी चाकू से लोगों को सुरक्षा देकर जनता को भयमुक्त कराया है। जनप के साथ गलत करने वाले लोग नतीजा भुगत रहे हैं।" आगे उन्होंने कहा कि,"पहले क्षेत्र में विकास व्यक्तिगत होते थे, इसलिए रामपुर पिछड़ा हुआ था। पिछले 10 वर्षों में रामपुर में जिन ऐतिहासिक चीजों का विकास किया जा सकता था उन्हें हड़पने का प्रयास किया गया। जनपद को साजिशों से बचाने के लिए ही मैं बार बार यहां आता था।"
भाजपा ने किया विकास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि,"पीएम मोदी ने अपने मन की बात में रामपुर के अमृत सरोवर का जिक्र कर क्षेत्र को एक नई पहचान दी है।"आगे उन्होंने कहा कि,"पहले रामपुर राजा राम सिंह के नाम से जाना जाता था। हमारी सरकार ने 2020 में उन्हीं के नाम से पनवड़िया फ्लाईओवर का नामकरण किया। पार्टी विशेष कार्यालय में तब्दील हो चुके राजकीय इंटर कॉलेज को एक पार्टी को हमने बचाया। यही नहीं 200 साल पुराने कॉलेज मदरसा ओरिएंटल कॉलेज को अपने निजी कॉलेज में बदलने का प्रयास हुआ था। मदरसा आलिया की हस्तलिखित दुर्लभ किताबों को हथियाने का प्रयास किया गया लेकिन हमारी सरकार ने उन हस्तलिखित दुर्लभ पांडुलिपियों को सुरक्षित करने का प्रयास किया।"








