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दिल्ली: उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने इस्तीफा दिया; सीएम केजरीवाल ने भी दी मंजूरी

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Feb 28, 2023

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया है। कथित आबकारी घोटाले के सिलसिले में सिसोदिया पांच दिन की सीबीआई रिमांड पर हैं, जबकि मंत्री सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पहले से ही जेल में हैं। सूत्रों के मुताबिक मनीष सिसोदिया के कुछ विभाग परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत संभालेंगे. साथ ही राजकुमार आनंद को कुछ विभागों की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी.

मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार किया था और सोमवार को अदालत में पेश करने के बाद पांच दिन की रिमांड लेने में सफल रहे। सीबीआई की कार्रवाई के खिलाफ मंगलवार को सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली. कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी।
जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि मामला दिल्ली में है इसका मतलब यह नहीं है कि आपको सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री सिसोदिया के पास अपनी जमानत को लेकर कई विकल्प हैं. उन्हें दिल्ली हाई कोर्ट जाना चाहिए। हम इस मामले में दखल नहीं दे सकते।

वहीं सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट की सलाह पर अब आम आदमी पार्टी इस मामले को हाईकोर्ट ले जाएगी. पार्टी ने कहा कि हम कोर्ट का सम्मान करते हैं।

बीजेपी चलाएगी कैंपेन, दिल्ली में शराब घोटाले की देगी जानकारी
दिल्ली सरकार के कथित शराब घोटाले की जानकारी देने के लिए बीजेपी राजधानी के हर दरवाजे पर दस्तक देगी. भाजपा कार्यकर्ता दिल्ली के हर बूथ, घर-घर पहुंचकर नई शराब नीति में हो रही गड़बड़ी की जानकारी देंगे। इसकी विस्तृत योजना आज दिल्ली भाजपा के उच्चाधिकारियों की बैठक में तय की जाएगी।

इन मुद्दों पर सीबीआई ने सिसोदिया से पूछताछ की
सीबीआई ने पाया कि 'साउथ लॉबी' के इशारे पर नई आबकारी नीति में शराब के थोक विक्रेताओं के मुनाफे की सीमा को पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया. 'साउथ लॉबी' राजनेताओं और शराब के सौदागरों का एक समूह है, जिन्होंने कथित रूप से अपने पक्ष में नीति प्राप्त की।
यह भी आरोप लगाया गया है कि मंत्रियों के एक समूह ने लाभ मार्जिन को पांच प्रतिशत तक सीमित करने की बात की, जो कि मसौदा नीति का सार भी था।
आरोप है कि मंत्रिपरिषद के लिए पहले के नोट को छिपाकर विशेषज्ञ समिति के समर्थन में व्यवस्थित रूप से मंत्रियों का एक समूह बनाकर आबकारी नीति पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को पूरी तरह से बदल दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि सिसोदिया से इन मुद्दों से जुड़े सवाल पूछे गए, जिसका उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया।