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UP पर मंडरा रहे बाढ़ के बादल: प्रयागराज, बनारस, कानपुर समेत कई जगह अलर्ट, गंगा वार्निंग लेवल के से महज 96 सेंटीमीटर नीचे

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Aug 20, 2022

 

उत्तर प्रदेश में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। बारिश का पानी इस बार कई लोगों के लिए मुसीबत बनकर आया है। पहाड़ों के साथ साथ इस बार मैदानी इलाकों में भी ये लोगों को डर का कारण बना हुआ है। दरअसल गंगा और यमुना के लगातार बढ़ते जलस्तर से आस पास के इलाकों में दहशत पनप रही है। कई गांव में तो लोगों ने पलायन भी शुरू कर दिया है। बाढ़ की आशंका को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमें तैयारी में लगी हुई है। नदी के आस पास के इलाकों पर इन टीमों ने निगरानी बनाई हुई है। जानिए किस इलाके के क्या है हाल..

प्रयागराज में बढ़ा खतरा

गंगा और यमुना के लगातार बढ़ते जलस्तर से किनारे पर बसे कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सड़कें डूब जाने से संपर्क भी टूट गया है। कछारी इलाके में भी बाढ़ का खरी बढ़ गया है। बीते गुरुवार को गंगा और यमुना के लेवल में तेजी से बढ़त दर्ज की गई जो शुक्रवार को भी जारी रही। हालांकि शाम को इसमें कमी आई, फिर भी खतरा बना हुआ है। 

कानपुर में घुसा बाढ़ का पानी

कानपुर के दातागंज और सहसवान तहसील के कई गावों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इन इलाकों में भी संपर्क टूट गया है। तटबंधों पर दबाव बढ़ने और कटान तेज होने के कारण हालात संवेदनशील हो गए हैं। जलस्तर बढ़ने के कारण सहसवान के तटवर्ती वीर सहाय नगला, बसौली, तौफी नगला, परशुराम नगला, खागी नगला में बाढ़ का पानी घुस गया। दातागंज तहसील के अहमदनगर बछौरा, असमया रफतपुर, जटा, रैपुरा, कमलैयापुर को भी बाढ़ के पानी ने घेर लिया है। तटवर्ती इलाकों में तेजी से कटान भी हो रहा है। उसावां, उसहैत और गंगा-महावा तटबंधों पर दबाव बढ़ने के साथ कटान भी शुरू हो गया है।

बनारस में गंगा वार्निंग लेवल के करीब

वाराणसी में गंगा वार्निंग लेवल के से महज 96 सेंटीमीटर की दूरी पर है। आज गंगा के जलस्तर में 86 सेंटीमीटर बढ़ावा हुआ है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार काे सुबह 6 बजे तक गंगा का जलस्तर 68.44 मीटर पर था, जो कि आज सुबह 6 बजे तक बढ़कर 69.30 मीटर पहुंच गया है। गंगा के सभी घाटों पर बाढ़ जौसी स्थिती बन गई है। रत्नेश्वर महादेव समेत कई मंदिर तक डूब चुके हैं। वहीं शीतला माता मंदिर में पानी भर गया है।