Loading...
अभी-अभी:

रूसी तेल पर जी- 7 देशों की ओर से लगाई पाबंदियों का भारत ने नहीं किया समर्थन

image

Dec 12, 2022

रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान कहा कि उप प्रधानमंत्री ने रूसी तेल पर प्राइस कैंप का समर्थन नहीं करने के भारत के फैसले का स्वागत किया, जिसकी घोषणा पांच दिसंबर को जी7 देशों और उनके सहयोगियों द्वारा की गई थी। रूस ने जी 7 देशों और उनके सहयोगियों के रूसी तेल पर प्राइस कैप लगाने का समर्थन नहीं करने के भारत के फैसले का स्वागत किया है। रूसी उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने रूस में भारतीय राजदूत पवन कपूर के साथ अपनी बैठक के दौरान बयान दिया।

रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उप प्रधानमंत्री ने रूसी तेल पर प्राइस कैप लगाने का समर्थन नहीं करने के भारत के फैसले का स्वागत किया, जिसकी घोषणा पांच दिसंबर को जीर देशों और उनके सहयोगियों द्वारा की गई थी। इससे पहले सितंबर में जो 7 देशों ने रूस से तेल आयात पर प्राइस कैप लगाने पर सहमति जताई थी।

बयान के मुताबिक, नोवाक ने कहा कि रूस ऊर्जा संसाधनों की आपूर्ति के लिए अपने दायित्वों को पूरी जिम्मेदारी से निभा रहा है और ऊर्जा संकट के बीच पूर्व-दक्षिण के देशों को ऊर्जा निर्यात कर रहा है। रूसी विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि साल 2022 के पहले आठ महीनों में भारत को रूसी तेल आयात बढ़कर 16135 मिलियन टन पहुंच गया।

विशेष रूप से, यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत ने रूस से तेल आयात करना जारी रखा। बता दें, इस साल गर्मियों के दौरान भारत को तेल की आपूर्ति के मामले में रूस दूसरे स्थान पर था। इसके अलावा, रूस से तेल उत्पादों और कोयले की आपूर्ति में भी बढ़ोतरी हुई है। भारतीय राजदूत पवन कपूर के साथ बैठक के दौरान, नोवाक ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी को अंतरराराष्ट्रीय मंच रूसी ऊर्जा सप्ताह 2023' में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। यह अगले साल 11-13 अक्तूबर तक मॉस्को में आयोजित होगा।