Dec 19, 2022
भारत-चीन संबंधों में तनाव के बाद चैंबर ऑफ ट्रेड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार के लिए 25 दिसंबर को दिल्ली में बैठक बुलाई है। इसका नाम 'महापंचायत' रखा गया है। सीटीआई के अध्यक्ष बृजेश गोयल का दावा है कि इस बैठक में दिल्ली के सभी व्यापारी और उद्योग संघ के सभी पदाधिकारी भाग लेंगे। इस बैठक में इस बात पर फैसला होगा कि राजधानी के व्यापारी चीनी उत्पादों का बहिष्कार कैसे करेंगे। उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक राजधानी में ही करीब 50 हजार करोड़ रुपये के चीनी उत्पादों का कारोबार होता है।
अब हम व्यापारियों को चीन में बने उत्पादों के बहिष्कार के लिए जागरूक करेंगे। ध्यान रहे कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारतीय और चीनी सेना के बीच झड़प के बाद सीटीआई चीनी उत्पादों का विरोध कर रहा है। दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।
हम भारतीय उत्पाद ही खरीदेंगे, भले ही हमें दोगुनी कीमत चुकानी पड़े: केजरीवाल
आप के राष्ट्रीय समन्वयक अरविंद केजरीवाल ने भी कुछ दिनों पहले अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और केंद्र से देश के सैनिकों के लिए कुछ ताकत और सम्मान दिखाने को कहा।
पार्टी के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि जहां सीमा पर चीन की आक्रामकता बढ़ रही है, वहीं भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कहती है कि सब ठीक है। उन्होंने आरोप लगाया कि चीन को दंडित करने के बजाय, मोदी सरकार पड़ोसी देश से बड़ी मात्रा में आयात की अनुमति देकर बीजिंग को पुरस्कृत कर रही है। तब भारतीय जवान बहादुरी से चीनी सैनिकों का सामना कर रहे हैं और अपनी जान भी दे रहे हैं।
'आप' नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि क्या हमारे जवानों के लिए आपके मन में कोई सम्मान नहीं है? थोड़ी हिम्मत दिखाओ। अगर भारत आयात बंद कर दे तो चीन को पता चल जाएगा।
उन्होंने देशवासियों से चीनी उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि वे कहते हैं कि चीनी उत्पाद सस्ते हैं। सस्ते होने पर भी हमें चीनी उत्पाद नहीं चाहिए। हम भारत में बने उत्पादों को खरीदने के लिए तैयार हैं, भले ही हमें दोगुनी कीमत चुकानी पड़े।