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खटीमा में थारू जनजाति समाज के लोगों ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया.

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Jul 21, 2022

खटीमा में थारू जनजाति समाज के लोगों ने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया... जिसके बाद उन्होंने एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपकर प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की... दरअसल, प्रोफेसर अजय सिंह रावत के पुस्तक उत्तराखंड का समग्र राजनीतिक इतिहास में थारू जनजाति के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी की गई है... जिसे लेकर थारू जनजाति के लोगों में काफी आक्रोश है... समाज के लोगों ने पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है... उत्तराखंड का समग्र राजनीतिक इतिहास पुस्तक में थारू जनजाति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में उग्र प्रदर्शन खटीमा में राणा थारु परिषद के बैनर तले आक्रोशित थारू जनजाति समाज के लोगों ने एकजुट होकर उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अजय सिंह रावत के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया तथा कोतवाली प्रभारी व एसडीएम खटीमा को ज्ञापन सौंपकर प्रोफेसर रावत के विरुद्ध कार्रवाई की गुहार लगाई है। आपको बता दें कि अजय सिंह रावत प्राध्यापक एवं निदेशक सामाजिक विज्ञान विद्या शाखा उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड का समग्र राजनीतिक इतिहास मे थारू जनजाति समाज के लोगों ने आरोप लगाया है कि थारू जनजाति के लिए अपमानजनक व अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जिससे थारू समाज काफी आहत और दुखी हैं। वहीं थारू जनजाति समाज को भविष्य में अपमान तथा समस्या का सामना करना पड़ सकता है। वहीं आक्रोशित थारू जनजाति समाज के लोगों ने खटीमा कोतवाली प्रभारी तथा खटीमा एसडीएम रविंद्र बिष्ट को ज्ञापन सौंपकर प्रोफेसर अजय सिंह रावत के खिलाफ कार्रवाई व उक्त पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने तथा अपमानजनक शब्दों को मुक्त विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से हटाने की मांग की है। वहीं खटीमा एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने बताया कि प्रोफेसर अजय सिंह रावत द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड का समग्र राजनीतिक इतिहास में थारू जनजाति के खिलाफ कुछ अशोभनीय टिप्पणी की गई है जिसके संबंध में एक ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन को उचित माध्यम से अग्रसारित कर दिया जाएगा। वहीं क्षेत्र पंचायत सदस्य रविंद्र सिंह राणा ने बताया कि अजय सिंह रावत द्वारा लिखित पुस्तक में लिखे गए अपमानजनक शब्दों से पूरा समाज आहत, दुखी और आक्रोशित है। उन्होंने पुस्तक से अपमानजनक शब्दों को हटाने तथा अजय सिंह रावत के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।