Oct 5, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार अलग-अलग देशों का दौरा कर रहे हैं और भारत की विश्व गुरु की छवि सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. मोदी जहां भी जाते हैं भारत का जयकारा लगाने की कोशिश करते हैं. लेकिन, महाराष्ट्र सरकार ने इन कोशिशों पर पानी फेर दिया है. महाराष्ट्र सरकार को एक विदेशी कंपनी से 1.58 करोड़ रुपये का बिल न चुकाने पर कानूनी नोटिस मिला है.
क्या है पूरा मामला?
महाराष्ट्र सरकार को स्विट्जरलैंड में मौजूद सेवा क्षेत्र की एक कंपनी से 1.58 करोड़ रुपये के बिल का भुगतान न करने पर कानूनी नोटिस मिला है. कंपनी को यह बिल जनवरी में स्विट्जरलैंड के दावोस में डब्ल्यूईएफ की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और कुछ मंत्रियों को प्रदान की गई सेवाओं के लिए जारी किया गया था. 28 अगस्त को जयशंकर और डब्ल्यूडब्ल्यूईएफ समेत अन्य को भेजे गए नोटिस में ठेकेदार ने आरोप लगाया था कि राज्य संचालित एमआईडीसी ने 1.58 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है.
महाराष्ट्र सरकार को डेढ़ करोड़ का नोटिस
विदेशी धरती पर बकाया डेढ़ करोड़ की रकम वसूलने के लिए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस दिया गया है. दावोस जैसे मंच पर दुनिया भर के शीर्ष उद्योगपति, व्यापार जगत के दिग्गज, देशों के प्रमुख जुटते हैं. यहां भारत से जाने वाले हर देश या हर राज्य के नेता अपने राज्य की प्रतिष्ठा बढ़ाने और निवेश पाने के लिए प्रयास करते हैं. यहां पर महाराष्ट्र के नेता और अधिकारी भी पहुंचे थे. लेकिन वो पूरा बिल चुकाए बिना ही वापस लौट गए.
आवश्यकता से अधिक व्यय
एमआईडीसी के सीईओ पी वेलरासु ने कहा, मुझे ऐसे किसी नोटिस की जानकारी नहीं है. हालांकि, एमआईडीसी वाउचर की जांच करेगा और आवश्यक कार्रवाई करेगा. इस मामले पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा. शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) नेता आदित्य ठाकरे और एनसीपी विधायक रोहित पवार समेत एमवीए (महा विकास अघाड़ी) विधायकों ने भी आरोप लगाया है कि दावोस यात्रा के दौरान अत्यधिक खर्च किया गया है.
कानूनी नोटिस से बकाया राशि की मांग की गई
कानूनी नोटिस मिलने पर राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि हमने ज्यादा खर्च नहीं किया है. यह आरोप एमवीए विधायक लगा रहे हैं. हमारी कानूनी टीम इस नोटिस का जवाब देगी और पूरे मामले की जांच करेगी.