Jun 15, 2021
देश । ठीक एक साल पहले 15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी इलाके में भारत और चीन के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के भी कई सैनिक मारे गए थे। एशिया के दो ताकतवर देशों के बीच ये बीते चार दशकों की सबसे हिंसक सैन्य झड़प थी। विशेषज्ञ कहते हैं कि एक साल बाद गलवान के इलाके की सामरिक स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन भारत के कड़े जवाब के बाद एक साल से चीन गलवान जैसी हरकत नहीं की है। अब तक दोनों देशों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है।
पूरे लद्दाख सेक्टर में भारतीय सुरक्षा बलों ने खुद को किया मजबूत
भारतीय सुरक्षा बलों ने पूरे लद्दाख सेक्टर में खुद को मजबूत कर लिया है। इस दौरान बलों ने इंफ्रास्ट्रक्चर स्तर से लेकर संपर्क बढ़ाने और पड़ोसी देश की सेना का सामना करने के लिए अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है। 'लद्दाख सेक्टर में अचानक चीनी आक्रमण से हैरान बलों ने खुद को काफी मजबूत कर लिया है।' उन्होंने कहा कि इंफ्रास्ट्रक्चर के नजरिए से देखें, तो सबसे बड़ी उपलब्धि सभी अग्रिम मोर्चों के साथ सड़क संपर्क बेहतर होना है।
चीन का सामना करने के लिए स्ट्राइक कॉर्प्स तैनात
पूरी LAC के साथ-साथ लद्दाख में चीन का सामना करने के लिए अतिरिक्त स्ट्राइक कॉर्प्स तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा, 'मथुरा की वन स्ट्राइक कॉर्प्स को लद्दाक में उत्तरी सीमा पर भेजा गया है। 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को अतिरिक्त 10 हजार जवान मुहैया कराए गए हैं और उन्हें पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों का जिम्मा दिया गया है।
इतने फीसदी लोगों ने नहीं खरीदा मेड इन चाइना का एक भी सामान
सर्वे के दौरान यह पता चला कि जिन लोगों ने पिछले 12 महीने के दौरान मेड इन इंडिया का सामान खरीदा है उसमें से 60 फीसदी ऐसे लोग हैं, जिन्होंने सिर्फ 1-2 सामान ही खरीदा। 14 फीसदी ने कहा कि उन्होंने 3-5 प्रोडक्ट्स, 7 फीसदी ने कहा कि 5-10 प्रोडक्ट्स और 2 फीसदी ने 10-15 प्रोडक्ट्स खरीदे।