Jan 28, 2023
गरीबों की दुर्दशा से जूझ रहे पाकिस्तान के खाते में एक बड़ी विसंगति सामने आई है। यह खुलासा खुद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने किया है। ऐसे में पाकिस्तान को आईएमएफ से मिलने वाली सहायता में और देरी हो सकती है। बता दें कि पाकिस्तान इस समय नकदी की भारी कमी से जूझ रहा है। देश के पास अब बहुत कम विदेशी मुद्रा भंडार है, जबकि स्थानीय मुद्रा रुपया भी डॉलर के मुकाबले 250 रुपये को पार कर गया है। आवश्यक वस्तुओं की कमी के कारण देश में आयात लगभग बंद हो गया है।
IMF ने पाई 2000 करोड़ की गड़बड़ी
पाकिस्तान के साथ अपनी महत्वपूर्ण वार्ता से पहले, आईएमएफ ने अपने बजट अनुमान में रु। 2,000 अरब की त्रुटि पाई गई है। आईएमएफ के प्रारंभिक आकलन के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के बजट अनुमान में 2,000 अरब रुपये से अधिक का उल्लंघन देखा गया है, जो देश के बजट घाटे को और बढ़ा सकता है।
वार्ता मंगलवार से शुरू होगी
विस्तारित फंड सुविधा के तहत नौवीं समीक्षा के लिए पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधिकारी मंगलवार को बातचीत शुरू करने के लिए तैयार हैं। इस बीच, राजकोषीय फिसलन और वित्तीय आंकड़ों के मिलान पर मुख्य रूप से चर्चा होगी। समीक्षा के बाद अगले चरण की फंडिंग पाकिस्तान को दी जाएगी, जो सितंबर से लंबित है।
आईएमएफ और पाकिस्तान के बीच टकराव
सरकार ने 2022-23 के बजट की घोषणा की पूर्व संध्या पर कहा था कि राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 फीसदी पर रह सकता है। इसके साथ ही प्राथमिक घाटा जीडीपी का सकारात्मक 0.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। स्थानीय समाचार पत्र 'द न्यूज' में प्रकाशित एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मुद्रा कोष ने पाकिस्तानी अधिकारियों से मिनी बजट के जरिए 600 अरब रुपये के अतिरिक्त कर उपायों को पेश करने को कहा है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी अधिकारी इससे बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं। उनका तर्क है कि प्राथमिक घाटा इस हद तक नहीं बढ़ेगा।
आईएमएफ ने चेतावनी दी
रिपोर्ट के अनुसार, आईएमएफ ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजटीय अनुमानों में 2,000 अरब रुपये के उल्लंघन की पहचान की है और चेतावनी दी है कि प्राथमिक और बजट घाटा काफी बढ़ सकता है। इस बीच, समाचार पत्र 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में केवल 5.6 बिलियन डॉलर का विदेशी ऋण लिया, जो वार्षिक बजट अनुमान का एक चौथाई है। रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक मामलों के मंत्रालय द्वारा संकलित आंकड़े बताते हैं कि जुलाई से दिसंबर 2022 तक विदेशों से प्राप्त ऋण केवल 5.6 बिलियन डॉलर था। यह राशि इस अवधि के दौरान चुकाए गए विदेशी ऋण के बराबर भी नहीं है। ऐसे में विदेशी मुद्रा भंडार को भारी नुकसान हुआ है।








