Jan 28, 2023
इस बार महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को मनाई जाएगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भोलेनाथ और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने से हर संकट दूर हो जाता है। शिवरात्रि के दिन भक्त शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर कौन सी चीजें चढ़ानी चाहिए और इस दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए।
बेलपत्र
भगवान शिव को बेल के पत्ते अत्यंत प्रिय हैं। भोलेनाथ को बेल पत्र चढ़ाना एक करोड़ कन्याओं के विवाह का फल माना जाता है। ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर तीन पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाना चाहिए।
भांग
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान शिव ने हलाहल विष का सेवन किया था और देवताओं ने उनके इलाज के लिए विभिन्न जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया था। इन्हीं में से एक है भांग, यही वजह है कि भगवान शिव को भांग बहुत प्रिय है। महाशिवरात्रि के दिन भांग के पत्तों को पीसकर दूध या जल में घोलकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
धतूरा
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव को धतूरा चढ़ाना न भूलें। शिवलिंग का धतूरे से अभिषेक करें। ऐसा करने से शत्रुओं का भय दूर होता है और भगवान भोलेशंकर की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
गंगाजल
हिंदू धर्म में गंगा को एक पवित्र नदी माना जाता है और इसे माता के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि गंगा भगवान शिव के बालों के माध्यम से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। ऐसे में भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करने से मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
गन्ने का रस
कामदेव का धनुष गन्ने से बना हुआ माना जाता है। देवप्रबोधी एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता तुलसी की पूजा के लिए गन्ने का घर बनाया जाता है। ऐसे में गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करने से धन और धान्य की प्राप्ति होती है।
दिशा
उत्तर दिशा को भगवान शिव का मुख्य प्रवेश द्वार माना जाता है। ऐसे में शिवलिंग पर हमेशा उत्तर दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाना चाहिए। इस दिशा में मुख करके जल चढ़ाने से भगवान शिव के साथ-साथ माता पार्वती की भी कृपा प्राप्त होती है।
तांबे का बर्तन
शिवलिंग पर हमेशा तांबे के बर्तन से जल चढ़ाएं। हालांकि कभी भी तांबे के बर्तन से दूध नहीं पीना चाहिए। इस बर्तन में रखा दूध विष के समान हो जाता है। साथ ही शिवलिंग पर कभी भी तेज धार वाला जल नहीं चढ़ाना चाहिए। पानी पिलाते समय हमेशा पतली धार का प्रयोग करें। साथ ही जल चढ़ाते समय खड़ा नहीं होना चाहिए। हमेशा बैठकर चलें।








