Jul 24, 2025
उपराष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां जोरों पर, थावरचंद गहलोत सबसे आगे, एनडीए का मजबूत प्लान
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं, जल्द ही तारीखों का ऐलान होगा। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं, वहीं सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर भी मजबूत दावेदार हैं। बीजेपी ने हरिवंश के रूप में बैकअप प्लान भी तैयार किया है। एनडीए इस चुनाव में अनुभव और जातीय समीकरण को प्राथमिकता दे रही है, जिससे मजबूत नेतृत्व सुनिश्चित हो।
निर्वाचन आयोग की सक्रियता
जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा देने के बाद निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया तेज कर दी है। आयोग ने निर्वाचक मंडल और रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति शुरू कर दी है। 19 सितंबर से पहले चुनाव कराने का लक्ष्य है, ताकि देश को जल्द नया उपराष्ट्रपति मिले। यह प्रक्रिया पारदर्शी और सुचारू रूप से पूरी की जाएगी, जिससे लोकतांत्रिक मूल्यों को बल मिलेगा।
थावरचंद गहलोत की मजबूत दावेदारी
77 वर्षीय थावरचंद गहलोत को उनके प्रशासनिक अनुभव और दलित समुदाय से जुड़ाव के कारण प्रबल दावेदार माना जा रहा है। मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले गहलोत कर्नाटक के राज्यपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के संसदीय बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं। उनकी अनुभवी छवि और जातीय समीकरण एनडीए के लिए इस चुनाव में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
ओम माथुर और बैकअप रणनीति
सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर भी इस रेस में शामिल हैं। 73 वर्षीय माथुर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के करीबी हैं। उनकी संघ पृष्ठभूमि और राजस्थान से मजबूत जुड़ाव उनकी दावेदारी को बल देता है। यदि सहमति में चुनौती आई, तो एनडीए मौजूदा राज्यसभा उपसभापति हरिवंश को उम्मीदवार बना सकता है, जो एक मजबूत बैकअप रणनीति है।
एनडीए की रणनीति और विपक्ष की चुनौती
एनडीए के पास 422 सांसदों का समर्थन है, जो जीत के लिए आवश्यक 392 वोटों से अधिक है। बीजेपी अपने उम्मीदवार को प्राथमिकता दे रही है, लेकिन सहयोगी दलों से सहमति बनाने पर भी जोर है। विपक्ष भी मजबूत प्रत्याशी उतार सकता है, लेकिन एनडीए की एकजुटता और रणनीति उसे बढ़त दिला सकती है। यह चुनाव देश की राजनीति में नई दिशा देगा।