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दंतेवाड़ा जिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित, कलेक्टर को ई-गवर्नेंस अवार्ड

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Feb 28, 2018

दंतेवाड़ा/रायपुर। देश में एजुकेशन हब के रूप में तेजी से अपनी पहचान बनाता दंतेवाड़ा जिला एक बार फिर सुर्खियों में हैं। शिक्षा की गुणवत्ता और स्वास्थ्य में सुधार लाने शुरू किए गए अनूठे अभियान ‘ पढ़े दंतेवाड़ा-लिखे दंतेवाड़ा ‘ के लिए दंतेवाड़ा को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।

हैदराबाद में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ. जीतेंद्र सिंह ने दंतेवाड़ा कलेक्टर सौरभ कुमार को ई-गवर्नेंस अवार्ड दिया।

कलेक्टर को प्रशस्ति पत्र और दो लाख रूपए का चेक...

प्रशासनिक सुधार कार्मिक एवं लोक शिकायत मंत्रालय ने इलेक्ट्रानिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी के जरिए देश में चलाए जा रहे नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए यह अवार्ड शुरू किया है।दंतेवाड़ा कलेक्टर सौरभ कुमार और जिला शिक्षा अधिकारी डी समैया ने प्रशस्ति पत्र और दो लाख रूपए का चेक लेकर यह सम्मान हासिल किया है।

ई-गवर्नेंस अवार्ड के तहत तीन श्रेणियों में बेहतर काम करने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुरस्कृत किए गए हैं। पुरस्कार हासिल करने वाले राज्यों में अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश, गुजरात भी शामिल हैं।अनुसूचित जनजाति बहुल जिला दंतेवाड़ा में कलेक्टर सौरभ कुमार का यह एक ऐसा नवाचार है, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक परिवर्तन आया है। साथ ही स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूकता लाई गई।

पढ़े दंतेवाड़ा-लिखे दंतेवाड़ा है मोबाईल एप...

बता दें कि पढ़े दंतेवाड़ा-लिखे दंतेवाड़ा एक मोबाइल एप है। इस एप के जरिए बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में तेजी से विकास हुआ है। इस एप ने बच्चों की उच्चारण क्षमता से लेकर उनकी लेखनी तक में व्यापक सुधार लाया है। यही वजह है कि दंतेवाड़ा जिले को ई गवर्नेंस अवार्ड के लिए चुना गया।

36 हजार से ज्यादा बच्चे जु़ड़े एप से...

36 हजार से ज्यादा बच्चे इस मोबाइल एप से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। तीन हजार से ज्यादा शिक्षक इस मोबाइल एप के जरिए बच्चों की शैक्षणिक योग्यता की मानिटरिंग करते हैं। इस मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए सिकल सेल से प्रभावित बच्चों के स्वास्थ्य की भी निगरानी की जाती है।

इससे पहले भी मिला है प्रधानमंत्री एक्सीलेंसी अवार्ड.... 

यह पहला मौका नहीं है, जब दंतेवाड़ा कलेक्टर सौरभ कुमार के नवाचार को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया हो। इससे पहले दंतेवाड़ा जिले के गांव पालनार को देश में पहले कैशलेस गांव घोषित किए जाने का गौरव मिल चुका है। इसके लिए सौरभ कुमार प्रधानमंत्री एक्सीलेंसी अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं।