Feb 15, 2023
महाकाल मंदिर , उज्जैन
सबसे पहले बात करेंगे उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर की ,जहां की भस्म आरती में सम्मलित होना हर शिव भक्त की मंशा रहती है। । महाकाल मंदिर में बाबा का आशीर्वाद पाने के महाशिवरात्रि के दिन भक्जन दूर दूर से आते है और घंटो अपनी बारी का इंतज़ार करते है। उज्जैन का महाकाल मंदिर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है और उज्जैन सिंहस्थ महाकुंभ के लिए भी विश्व प्रसिद्ध है। साथ ही साथ उज्जैन में स्थित क्षिप्रा नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्त्व बताया गया है।
ओंकारेश्वर मंदिर , ओंकारेश्वर
इसके आलावा बात करे ओंकारेश्वर मंदिर की जो की खंडवा जिले के शिवपुरी और मान्धाता द्वीप पर स्थित है। यह मंदिर इसलिए भी अधिक ख़ास है क्योंकि यहाँ भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है। कहा जाता है कि इस स्थान पर नर्मदा नदी ‘ॐ’ के आकार में बहती हैं। यह भी माना जाता है की कि जब तक सभी तीर्थों का जल तीर्थ यात्री ओंकारेश्वर में अर्पित नहीं करते हैं तब तक तीर्थ यात्रा पूरी नहीं मानी जाती है। इस मंदिर में शिव भक्त कुबेर ने तपस्या की थी और शिवलिंग की स्थापना की थी। मशिवरात्रि के पर्व पर यहाँ विशेष पूजा होती है।
पशुपतिनाथ मंदिर , मंदसौर
मंदसौर शहर में शिवना नदी के किनारे स्थित पशुपतिनाथ मंदिर की जो मध्य प्रदेश सहित देशभर में भगवान शंकर के भक्तों की आस्था का विशेष केंद्र माना जाता है। यहं विराजमान भगवान शंकर की मूर्ति के आठ मुख हैं। यह मूर्ति चमकते हुए गहरे तांबे के उग्र चट्टान-खंड में बनी हुई है। जहां पहला भाग 4 शीर्ष पर और दूसरा भाग 4 शीर्ष तल में विराजमान है।
भोजपुर शिव मंदिर , भोपाल
राजधानी भोपाल से कुछि दूर पर भोजपुर शिव मंदिर स्थित है जहां ऐसा माना जाता है कि ये शिवलिंग विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग है। इस शिवलिंग की ऊंचाई 3 मीटर से भी ज़्यादा है। कहा जाता है पांडवो ने इस मंदिर का निर्माण एक ही रात में करवाया था ,बेतवा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर में हर दिन भक्तों की भारी भीड़ जुटती है और महाशिवरात्रि को की संख्या और भी ज़्यादा बड़ जाती है
मंगलनाथ मंदिर , उज्जैन
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित मंगलनाथ मंदिर का भी विशेष महत्त्व है। यहाँ होने वाली भात पूजाका भी बहुत महत्त्व है।
हर मंगलवार को यहाँ पर भक्तों की संख्या लगातार बढ़ती जाती है और ऐसी मान्यता है की यहाँ भात पूजा करवाने से कुंडली के मंगल की शांति होती है और मांगलिक दोष भी दूर हो जाता है।








