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जानिए रामचरितमानस जैसा महासाहित्य लिखने वाले गोस्वामी तुलसीदास के बारे में

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Mar 29, 2023

रामचरितमानस जैसा महा साहित्य लिखने वाले गोस्वामी तुलसीदास के बारे में इन बातों को जानना बहुत ज़रूरी है 
कहा जाता है की जन्म के समय तुलसीदास के 32 दांत थे; वे रोते नहीं थे बल्कि राम का नाम कहते थे, इसलिए उनके बचपन का नाम रामबोल था। तुलसीदास महाकाव्य रामचरितमानस को राम की कहानी कहते हैं,रामचरितमानस और रामायण संस्कृत और अवधी में लिखी गई राम कहानी के दो अलग अलग भाग है जिनमे कुछ अंतर भी है।  
रामायण ऋषि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई है। इसे आदि काव्य की पहली पुस्तक माना जाता है। रामचरितमानस वाल्मीकि की मौलिक रचना पर आधारित है। यह महान अवधी कवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखा गया था।
तुलसीदास की रामचरितमनास में सात कांड है जिन्हे बाल कांड, अयोध्या कांड, अरण्य कांड, किष्किंधाकांड, सुंदर कांड, लंकाकांड और उत्तरकांड कहा जाता है। वाल्मीकि रामायण और रामचरितमानस के बीच मुख्य अंतर यह है कि तुलसीदास ने रामायण में लिखे हुए युद्ध कांड को रामचरितमानस में लंका कांड कहा है।   
रामचरितमानस में राम शब्द 1443 बार आता है । रामचरितमानस में सीता शब्द 147 और जानकी 69 बार आया है। 
इसी प्रकार रामचरितमानस में छंदों की संख्या 27, चौपाई की संख्या 4608 और रामचरितमानस में दोहो की संख्या 1074 है। इस महाकाव्य में किष्किन्धाकाण्ड सबसे छोटा अध्याय है और बालकाण्ड सबसे लम्बा है। कहा जाता है की तुलसीदास 77 वर्ष के थे जब उन्होंने रामचरितमानस की रचना की थी।  इसकी रचना करने में तुलसीदास को दो साल , सात महीने और 26 दिनों का समय लगा था