Sep 30, 2023
पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए श्राद्ध पक्ष के दौरान श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है। जिससे उन्हें पूर्वजों का आशीर्वाद मिलें और उनके आशीर्वाद से वंश फले- फूलें और तरक्की हो। वैसे तो पिंडदान कई जगहों पर किए जाते हैं लेकिन कुछ खास ऐसी जगह हैं। जहां पर श्राद्ध करने से बहुत पुण्य मिलता है और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। बोधगया बिहार में गया एक ऐसा स्थान है। जहाँ फाल्गुन नदी के तट पर पिंडदान और श्राद किया जाता है। जिसे भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है और इस स्थान का उल्लेख रामायण और महाभारत में गया पुरी के रूप में किया गया है। यहाँ अडतालीस स्थान है जहाँ पिंडदान किया जाता है। हरिद्वार सबसे पवित्र तीर्थ स्थानों में से एक तीर्थ स्थल है हरिद्वार ये गंगा के तट पर बसा हुआ है। ऐसी मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से सभी पाप धूल जाते हैं और यहाँ जिस व्यक्ति का संस्कार किया जाता है। उसकी आत्मा सीधा स्वर्ग जाती है। इसके साथ ही हरिद्वार के नारायणी शिला पर तर्पण करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है पुराणों में भी इसका वर्णन किया गया है। उज्जैन पिंडदान और श्राद्ध के लिए मध्यप्रदेश का उज्जैन एक आदर्श स्थान है उज्जैन में पिंडदान क्षिप्रा नदी के तट पर किया जाता है जो शहर से होकर बहती है। आपको बता दें कि इस नदी के किनारे पिंडदान करना बहुत ही लाभकारी माना जाता है। प्रयागराज आप सभी यह बात को अच्छे से जानते ही होंगे की मृत्यु के बाद एक आत्मा जो की कष्टों से गुजरी होती है और उन सभी कष्टों से मुक्ति पाने के लिए पिंडदान किया जाता है। आपको बता दें कि गंगा यमुना सरस्वती नदीयों के संगम प्रयागराज में पिंडदान करने से पितरों को सीधा स्वर्ग की सीढी दिखती है साथ ही ऐसी मान्यता है कि यहाँ स्नान करने मात्र से ही सारे पाप धूल जाते है और आत्मा जन्म मरण के चक्र से मुक्त हो जाती है। अयोध्या राम जन्म भूमी अयोध्या एक बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थान है यहाँ सरियु नदी बहती है और सरियु नदी के तट पर लोग पिंडदान और श्राद्ध करते है।








