Dec 15, 2022
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार अधिकमास के महीने में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस मास को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। आइए जानते हैं ज्योतिष के अनुसार कैसा रहेगा साल 2023।
अधिकमास 2023: साल 2022 खत्म होने में कुछ ही दिन बचे हैं. नए साल का सभी को बेसब्री से इंतजार है। वहीं ज्योतिष की दृष्टि से भी साल 2023 में कई बदलाव देखने को मिल रहे हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार 2023 में सावन का महीना एक नहीं बल्कि दो महीने का रहेगा। ऐसा अधिकमास के कारण है। हिंदू पंचांग के अनुसार 2023 में 12 की जगह 13 महीने होंगे। अधिक मास के कारण सावन का महीना दो महीने तक चलने वाला माना जाता है। कहा जा रहा है कि ऐसा योग 19 साल बाद बन रहा है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर तीन साल में एक अतिरिक्त मास आता है, जिसे अधिकमास, मलमास या पुरुषोत्तम के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहते हैं। सूर्य हर महीने अपनी राशि बदलता है, लेकिन बिना संक्रांति वाले महीनों को अधिकमास या मलमास के नाम से जाना जाता है। ज्ञात हो कि मलमास के दिन कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार 2023 में अधिकमास 18 जुलाई से शुरू होगा, जो 16 अगस्त तक रहेगा। अधिकमास का महीना हर 32 महीने और 16 दिनों के बाद आता है। बता दें कि भगवान विष्णु को अधिकमास का स्वामी माना जाता है। इस दौरान भगवान नारायण की पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए, इससे दोगुना फल मिलता है। अधिकमास के महीने में दान, पूजा, उपवास, विष्णु मंत्रों का जाप जैसे धार्मिक कार्य करने चाहिए। अधिकमास में भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
(अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोक मान्यताओं पर आधारित है। स्वराज डिजिटल इस बारे में कुछ भी पुष्टि नहीं करता है। इसे यहां आम जनता के हित को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत किया गया है।)








