Dec 24, 2022
केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री गोयल ने कहा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सरकार चावल तीन रुपये किलो, गेहूं दो रुपये किलो बेचेगी। सरकार ने फैसला किया है कि यह दिसंबर 2023 तक पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध होगा। इससे 81.35 करोड़ लोगों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को लेकर भी एक बड़ा फैसला लिया गया है। इस कानून के तहत 81.3 करोड़ गरीबों को एक साल यानी 2023 तक मुफ्त राशन देने का फैसला किया गया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत एक साल तक 81.3 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज बांटने का फैसला किया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत गरीबों को मुफ्त राशन मुहैया कराने पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसका बोझ केंद्र सरकार वहन करेगी।
केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री गोयल ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सरकार तीन रुपये किलो चावल, दो रुपये किलो गेहूं और एक रुपये किलो मोटा अनाज उपलब्ध कराती है। सरकार ने फैसला किया है कि यह दिसंबर 2023 तक पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध होगा। इससे 81.35 करोड़ लोगों को फायदा होगा। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत यह सुनिश्चित करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि अनाज अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। हम यह नहीं कह रहे हैं कि केंद्र कुछ नहीं कर रहा है। केंद्र सरकार ने कोविड के दौरान लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया है। हमें यह भी देखना होगा कि यह जारी रहे। यह हमारी संस्कृति है कि कोई भी व्यक्ति खाली पेट नहीं सोता है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कोविड और लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को हो रही दिक्कतों पर सुनवाई चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी सुनवाई के दौरान की।
खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में लागू हुआ
यूपीए सरकार के दौरान 10 सितंबर 2013 को देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून लागू हुआ था। इसका उद्देश्य उचित मूल्य पर गुणवत्तापूर्ण भोजन की पर्याप्त मात्रा सुनिश्चित करना है ताकि उन्हें एक सम्मानित जीवन जीने में सक्षम बनाया जा सके, जिससे खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इस कानून के तहत 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 50 प्रतिशत शहरी आबादी को कवर किया जाता है, जिन्हें सरकार द्वारा बहुत कम कीमत पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। सरकार प्रति व्यक्ति प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न 1-3 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराती है। इस कानून के तहत एक व्यक्ति को तीन रुपये चावल, दो रुपये गेहूं और एक रुपये किलो मोटा अनाज मिलता है।
यह अधिनियम तीन प्रकार के अधिकारों की गारंटी देता है। इसमें बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना, मातृत्व लाभ प्रदान करना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध कराना शामिल है। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जिला और राज्य स्तर पर एक शिकायत निवारण तंत्र भी स्थापित किया गया है। बिहार जैसे राज्यों में इस अधिनियम को लागू करने से आम लोगों को बहुत फायदा हुआ है।