Dec 24, 2022
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) की अदालत ने हिंदू सेना के दावे पर ईदगाह का अमीन सर्वे करने का आदेश दिया है। यह वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में अदालत द्वारा पारित आदेश के समान ही है। गुरुवार को इस संबंध में प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया जाना था, लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है।
8 दिसंबर को दिल्ली निवासी हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता व उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) जज सोनिका वर्मा की अदालत में वाद दायर किया। जिसमें कहा गया था कि औरंगजेब ने श्रीकृष्ण जन्मस्थली 1। 37 एकड़ में बने एक मंदिर को तोड़कर ईदगाह तैयार की थी। उन्होंने भगवान कृष्ण के जन्म से लेकर मंदिर निर्माण तक का पूरा इतिहास कोर्ट के सामने पेश किया। उन्होंने 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ बनाम शाही मस्जिद ईदगाह के बीच हुए समझौते को भी चुनौती दी है।
अधिवक्ता शैलेश दुबे ने कहा कि यह पूरा मामला आठ दिसंबर को अदालत के समक्ष रखा गया था। कोर्ट ने उसी दिन मामला दर्ज कर अमीन रिपोर्ट देने का आदेश दिया था। इस संबंध में 22 दिसंबर को कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। अब 20 जनवरी तक अमीन को ईदगाह की रिपोर्ट कोर्ट में जमा करनी होगी।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य का संकल्प, 'जब तक श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्त नहीं हो जाती, तब तक मैं भगवान के दर्शन नहीं करूंगा'
जगदगुरु रामभद्राचार्य ने सोमवार को मथुरा के वृंदावन में रामनरेती मार्ग स्थित कथा प्रवक्ता कृष्णचंद्र ठाकुरजी के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भगवान कृष्ण की जन्मभूमि से मुगलों का कब्जा अब हटना चाहिए। उन्होंने प्रण किया कि जब तक श्री कृष्ण का जन्म स्थान अतिक्रमण से मुक्त नहीं हो जाता, तब तक वे किसी भी देवता के दर्शन नहीं करेंगे। जगद्गुरु ने संतों और ब्रजवासियों से श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह को श्रीकृष्ण जन्मभूमि की मुक्ति और दिव्य मंदिर निर्माण में सहयोग देने की अपील की।
हिन्दू शास्त्रों में वर्णन
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के शास्त्रों और पुराणों में भगवान कृष्ण के जन्म स्थान का वर्णन है। गर्ग संहिता, ब्रह्म संहिता, विष्णु पुराण, श्रीमद्भागवत सहित अनेक ग्रंथों में इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि भगवान कृष्ण का जन्म स्थान मथुरा में है। कोई भी सदाचारी व्यक्ति पवित्र स्थान पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगा। जिस तरह लंबे संघर्ष के बाद भगवान राम जन्मभूमि को सफलतापूर्वक मुक्त कराया गया है। अब समय आ गया है कि भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि को भी मुक्त किया जाए और वहां एक दिव्य और भव्य श्रीकृष्ण जन्मभूमि का निर्माण किया जाए। श्री कृष्णजन्मभूमि मुक्ति न्यास ने अदालत में अपना पक्ष रख कर बहुत अच्छा काम किया है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि कोर्ट में सबूत पेश किए जा चुके हैं कि फैसला उनके पक्ष में होगा। हम कोशिश कर रहे हैं कि अदालत जल्द ही अपना फैसला सुनाए और श्रीकृष्ण को उनके जन्म स्थान पर अतिक्रमण से मुक्त कराकर उनके दिव्य और भव्य मंदिर में विराजित किया जाए। इस अवसर पर कथावाचक कृष्णचंद्र शास्त्री ठाकुरजी, इंद्रेशजी, महंत फूलडोल बिहारीदास, रामकृपाल त्रिपाठी, संत गोपेश बाबा, राजनारायण द्विवेदी मौजूद रहे।