Loading...
अभी-अभी:

Vishwakarma Puja 2024: आज विश्वकर्मा जयंती पर पूजा करने का क्या है महत्व जानिए पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त

image

Sep 17, 2024

भगवान विश्वकर्मा जयंती भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाई जाती है । आज ही के दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा पर  कारीगर और शिल्पकारों द्वारा बड़ी श्रद्धा से की जाती हैं ।हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा (vishwakarma ) को देवता माना जाता है।ऐसा माना जाता है भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मा ( Braham) जी के सातवें पुत्र थे जिनकी पुत्रियाँ ऋद्धि –सिद्धि ( Riddhi-Siddhi )  का विवाह भगवान शिव (Shiv)और माता पार्वती ( Parvati) के सबसे छोटे पुत्र भगवान गणेश( Ganesh) से हुआ था। विश्वकर्मा को सृष्टि के निर्माण व आकार देने वाले शिल्पकार(Shilpkar) के रुप में भी जाना जाता है । कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने देवताओं के रहने के लिए दिव्य भवन,लड़ने के लिए  अस्त्र-शस्त्र, और आने-जाने के  लिए विमानों का निर्माण किया।

 

विश्वकर्मा पूजा का महत्व

 धार्मिक मान्यता है कि विश्वकर्मा जयंती के शुभ अवसर पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से लोगों को कार्यक्षेत्र में आने वाली बाधाओं से मुक्ति और बिज़नेस(Business) में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता मिलती है। साथ ही औज़ारों, मशीनों, और उपकरणों की पूजा करने से भगवान विश्वकर्मा की कृपा भी मिलती है।

 

विश्वकर्मा पूजा विधि

सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहने ,पूरी श्रद्धा भाव से अपने औजारों, मशीन(Machine) आदि की सफाई करें साथ ही भगवान विश्वकर्मा  की प्रतिमा या चित्र लगाकर स्थापना करें व पूजा की सामग्री जैसे फल-फूल, अक्षत , नारियल , दीपक, कपूर आदि इकट्टा कर उनकी पूजा करें। सभी औजारों, मशीनों और पूजा में बैठे लोगों को कलावा बांधें एवं कुमकुम चावल लगाकर औजारों, मशीनों की  पूजा करते हुए उनकी आरती करें। पूजा के दौरान ॐ विश्वकर्मणे नमः, ॐ आधार नम:, ॐ कूमयि नमः, ॐ अनंतम नमः, जैसे मंत्रों का उच्चारण करें। उसके बाद सभी को प्रसाद दें।

 

पूजा का शुभ मुहूर्त

 इस साल 17 सितम्बर को भद्रा काल होने के कारण पूजा का समय शाम 4 बजकर 10 मिनट से 6 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त पर पूजा करने से भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं ।

 

 

 

 

 

 

 

Report By:
Author
Swaraj