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अयोध्या: राम मंदिर के लिए नेपाल से लाए गए दो दिव्य शालिग्राम पत्थर का पूजन 

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Feb 2, 2023

नेपाल के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जनकपुर से अयोध्या लाई गई देवशिला का पूजन किया गया। नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री ने जानकी मंदिर के महंत की पूजा की। शालिग्राम शिला का वैदिक रीति से पूजन कर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सुपुर्द किया गया। इससे पहले शालिग्राम शिला नेपाल के जनकपुर से चलकर बुधवार देर रात रामनगरी पहुंची। भगवान विष्णु का रूप मानी जाने वाली इस शिला का रामनगरी में भव्य स्वागत किया गया। देर रात जैसे ही शालिग्राम यात्रा हाईवे पर पहुंची, जय श्री राम के नारे गूंजने लगे। लोगों ने फूल बरसाए और आतिशबाजी भी की। अयोध्या पहुंचने पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ। अनिल मिश्रा, निवर्तमान महापौर ऋषिकेश उपाध्याय सहित अन्य भाजपा नेताओं ने शालिग्राम शिला पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

इसके बाद सैकड़ों वाहनों का काफिला लेकर शालिग्राम यात्रा रामसेवक पुरम कार्यशाला पहुंची। यहां श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि व महंत दिनेंद्र दास ने शालिग्राम शिला पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया।

भारी सुरक्षा के बीच रामसेवक पुरम में क्रेन से पत्थर को कार से हटाया गया। वैदिक आचार्यों के मार्गदर्शन में शालिग्राम की आरती भी की गई।

ये पत्थर नेपाल में पवित्र काली गंडकी नदी से निकाले गए हैं। वहां अभिषेक और पूजा के बाद शिला को 26 जनवरी को अयोध्या भेजा गया। यात्रा बुधवार को बिहार के रास्ते यूपी के कुशीनगर और गोरखपुर होते हुए अयोध्या पहुंची।

नेपाल में शालिग्रामी नदी से निकाले गए दो बड़े पत्थरों को दो ट्रकों में लादकर भारत लाया गया। शालिग्राम शिला यात्रा का नेतृत्व राम जानकी मंदिर नेपाल के महंत राम पटेश्वर दास, नेपाल सरकार के पूर्व गृह मंत्री विमलेंद्र निधि व विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज व राम मंदिर के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने किया। यात्रा के साथ नेपाल से भी करीब 200 श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हैं।

अयोध्या के संत रामसेवकपुरम में ही शालिग्राम शिला का पूजन कर राम मंदिर को भेंट करेंगे। इसके लिए अयोध्या के करीब 100 महंतों को आमंत्रित किया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ भी आ सकते हैं।

जानकी मंदिर से जुड़े महंत राम रोशन दास ने कहा कि शालिग्राम शिला को विष्णु का अवतार माना जाता है। शालिग्राम शिला प्राण का सम्मान नहीं करती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूरी दुनिया राम मंदिर बनने की बधाई दे रही है, राम मंदिर भी बन रहा है। यहीं से हमें बताया गया था कि अगर इस आकार और गुणवत्ता का कोई पत्थर वहां उपलब्ध हो जाए तो हम उससे बचपन में ही राम की मूर्ति बना देंगे।

शिला यात्रा के साथ निकले जनकपुर के मेयर मनोज कुमार शाह ने कहा कि पहले नेपाल से राम लला को प्रणाम करने की बात चल रही थी। बाद में शालिग्राम शिला की बात आई। नेपाल सरकार द्वारा पुरातात्विक जांच के बाद यह पत्थर जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास को सौंप दिया गया। उसके बाद हम यात्रा पर निकल पड़े।

द्वापर-त्रेता कलयुग में शालिग्राम शिला यात्रा से घनिष्ठ रूप से जुड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत सरकार से हमारी मांग है कि यात्रा को सुगम बनाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जनकपुर और अयोध्या के बीच रेल सेवा भी शुरू की जाए।