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मिट्टी के दीयों की बिक्री में कमी

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Oct 28, 2016

मुंगेली। जिले में मिट्टी के दीए बनाने वाले कुम्हार परेशान है। इसकी वजह मिट्टी के दीयों की बिक्री में कमी होना है। इस बार जिला प्रशासन की अपील के बाद भी मिट्टी के दीयों की बिक्री में कमी चल रही है।  मुंगेली के कुम्हारों को इन दिनों जीवन यापन में भारी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। दीपावली पर घरों को दीयों की रोशनी से जगमगाने की परंपरा रही है। आधुनिकता का असर इस पर भी देखने को मिल रहा है। पहले जहां लोग सौ-सौ मिट्टी के दीये लेते थे, वो अब महज औपचारिकता पूरी करने के लिए 10-12 ही दीये लेते है।

कुम्हार का परिवार दीपावली के त्योहार पर मेहनत करके दीये व मां लक्ष्मी की मूर्तियां बनाते हैं। जिसके लिए इन्‍हें मिट्टी तक नहीं मिलती। जिले के सैकडों कुम्हार परिवार हैं, जिन्हें आज तक सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाला बिजली से चलने वाला चाक नही वितरित किया गया है। दरअसल,  जिले के कलेक्टर किरण कौशल ने भी जिलावासियों से चाइना झालरों के उपयोग की जगह मिट्टी के दीये जलाने की अपील की है, जिससे इन कुम्हार परिवार के परंपरागत रोजगार के जरिए जीवन यापन में मदद हो सके।