Jun 28, 2022
7 साल से इंतजार कर रही और अपने परिवार को ढूंढने के सफर पर निकली पाकिस्तान से लौटी मूक बधिर गीता का आखिरकार सपना पूरा हो गया और गीता अपने परिवार से महाराष्ट्र में मिल गई ... आज गीता अपने परिवार और उस संस्था के संचालक के साथ भोपाल पहुंची ... भोपाल पहुंचने के बाद गीता ने जीआरपी पुलिस का धन्यवाद किया है ... गीता का कहना है कि मेरे परिवार को मिलाने वाली इंदौर की मूक बधिर संस्था और जीआरपी भोपाल पुलिस का शुक्रिया अदा करती हूं जिसने मेरे परिवार से मिलाया ...
गीता अपनी मां मीना सुधाकर और बड़ी बहन पूजा के साथ जीआरपी पुलिस के अधिकारियों से मिली ... तो वहीं रेल गजी महेंद्र सिकरवार ने कहा है कि हम लोगों ने काफी मेहनत की और गीता को उसके परिवार से मिलाया ... इधर गीता की मां मीना सुधाकर भी काफी खुश नजर आईं और कहा मेरी बेटी मुझे मिल गई अब में बहुत खुश हूं ... तो वही गीता के साथ आए मूक बधिर भाषा को ट्रांसलेट करने वाले योगेंद्र ने भी खुशी जाहिर की है ... आई जी महेंद्र सिकरवार ने कहा गीता का असली नाम राधा है ... गीता की पहचान जीआरपी की महिला कांस्टेबल ने की थी ... इधर राधा उर्फ गीता कहती है कि उसे पढ़ाई करना है और पढ़ाई कर मूक बधिर बच्चों की टीचर बनना है ... आज गीता की आंखों में फिर से आंसू भर आए मगर ये आंसू दुख के नहीं खुशी के थे ... गीता के कहने पर कराची में राधा कृष्ण का मंदिर भी बनाया गया था ... रेल हेड क्वार्टर में जीआरपी पुलिस के अधिकारियों से मिली गीता ने रेल एसपी हितेश चौधरी का विशेष धन्यवाद दिया है ...