Jan 20, 2017
सांड़ों पर काबू पाने के खेल जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु में आंदोलन और तेज हो गया है। चेन्नई के मरीना बीच पर प्रदर्शन कर रहे लोगों की तादाद 50 हजार से ज्यादा हो चुकी है। जल्लीकट्टू के समर्थन में कई संगठनों ने आज तमिलनाडु में बंद बुलाया है। बंद के समर्थन में कई स्कूल, कालेजों और सिनेमाघरों ने बंद का एलान किया है। ऑस्कर विजेता संगीत निर्देशक ए आर रहमान ने भी प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए ऐलान किया कि वह आज एक दिन का उपवास रखेंगे। रहमान ने ट्वीट कर कहा, 'मैं तमिलनाडु के लोगों की भावना के समर्थन में कल उपवास रख रहा हूं।' एआर रहमान, नादिगर संगम के सदस्यों के साथ आज उपवास रखेंगे। नादिगर संगम दक्षिण भारतीय कलाकारों का संघ है। रहमान ने गुरुवार को ट्विटर पर लिखा था कि मैं तमिलनाडु की भावना के समर्थन में शुक्रवार को उपवास कर रहा हूं।
उधर, जल्लीकट्टू से प्रतिबंध हटाने के लिए तमिलनाडु में हो रहा प्रदर्शन अब श्रीलंका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया तक पहुंच गया है। इन देशों में तमिल प्रवासियों ने प्रदर्शन कर जल्लीकट्टू की इजाजत देने की मांग की है। मंगलवार और बुधवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग के साथ ही इंग्लैंड के लीड्स और आयरलैंड के डब्लिन में तमिल प्रवासियों ने प्रदर्शन किया। श्रीलंका के जाफना के साथ ही आस्ट्रेलिया के मेलबर्न और सिडनी में भी प्रदर्शन किया गया, जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए। जहां तक तमिलनाडु की बात है तो यहां पिछले कई दिनों से प्रदर्शन हो रहा है।
बृहस्पतिवार को यह प्रदर्शन दिल्ली पहुंच गया। इसमें बड़ी संख्या में तमिलनाडु के विद्यार्थियों और अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। उच्चतम न्यायालय के तमिल वकीलों के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मार्च निकाला और जीव-अधिकार संगठन पेटा तथा जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के खिलाफ नारेबाजी की। गौरतलब है कि पेटा प्रतिबंध का समर्थन कर रहा है। पुडुचेरी में तमिल संगठनों ने शुक्रवार को 12 घंटे का बंद बुलाया है। द्रमुक ने बंद का समर्थन किया है। मद्रास हाईकोर्ट के वकीलों ने भी शुक्रवार को काम नहीं करने का ऐलान किया है।