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इस बार जैविक रंगों से खेलें होली, नहीं होगा कोई नुकसान

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Feb 26, 2018


होली का त्यौहार बस कुछ ही दिन में आने को है साथ ही होली के रंगों में रंगने के लिए भी हर कोई बेताब रहता है। लेकिन आपको बता दें ​कि इस होली आप रंगों का प्रयोग कुछ इस तरह से करें जिससे आपको कोई नुकसान न हो।

बता दें कि आजकल के केमिकल युक्त कलर त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते है। आंखों और त्वचा को नुकसान पहुंचाने वाले कृत्रिम रंगों की बनिस्पत फूलों से बने जैविक रंगों के इस्तेमाल से आप होली को और अधिक रंगारंग बना सकते हैं। जैविक रंग तैयार करने में गुलाब, पलाश, अपराजिता और गेंदा जैसे फूलों का उपयोग किया जाता है।

पश्चिम बंगाल सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं बागवानी विभाग ने होली पर रंग खेलने के शौकीनों को जैविक रंग सुलभ कराने के मद्देनजर एक स्वयं सहायता समूह से करार किया है।
जैविक रंगों की बिक्री के लिए सिटी सेंटर 1 और सिटी सेंटर 2 के मॉल्स में शीघ्र ही आउटलेट खोला जाएगा जबकि राजरहाट, न्यू टाउन और साल्टलेक में मोबाइल आउटलेट(वैन) के जरिए इसे सुलभ कराया जाएगा।

स्वयं सहायता समूह की 15 महिलाओं को जाधवपुर विश्वविद्यालय की ओर से प्रशिक्षित किया गया है, जो इसके लिए काम करेंगी।