Dec 14, 2016
बीजापुर। तिम्मापुर गोलीकांड के खिलाफ मंगलवार को बीजापुर जिला बंद रहा। इस कांड की दंडाधिकारी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। वहीं सीआरपीएफ कैंप से 6 युवकों को छोड़ दिया गया है। डरे-सहमे युवकों ने बताया कि नक्सली न होने की जानकारी देने के बाद भी जवानों ने उन पर गोली चलाई। आरोप लगाया कि सीआरपीएफ अधिकारियों ने उन्हें धमकी दी है कि घटना के बारे में किसी से कुछ कहा तो जान से मार दिया जाएगा।
पीड़ित पुनेम दसरू, पाण्डू कोरसा, कोरसा बुधरू, कोरसा लच्छू, सेमला चन्द्रा व अवलम शंकर ने बताया कि रविवार को वे धान की रखवाली करने कोठार गए थे। आग जलाकर ताश खेल रहे थे इसी बीच रात 11 बजे सीआरपीएफ 168वीं बटालियन के जवान पहुंचे। जवानों ने कहा कि तुम लोग नक्सलियों के साथ ताश खेल रहे हो। जब नंदूराम पुनेम ने कहा कि वे ग्रामीण हैं, तो एक जवान ने गोली चला दी, जिससे नंदू की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरी गोली सुक्कू कक्केम के दाएं पैर में लगी। युवकों के भागने पर जवानों ने घेरकर बंदूक के कुंदों से पिटाई की। इसके बाद उन्हें बासागुड़ा कैम्प ले गए। सोमवार की शाम करीब 5 बजे उन्हें छोड़ा गया।
विरोध में बंद रहा बीजापुर : घटना के विरोध में मंगलवार को बीजापुर बंद रहा। जिला कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर भैरमगढ़, भोपालपटनम व आवापल्ली ब्लॉक के व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं।
दंडाधिकारी जांच के आदेश : घटना की दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए गए हैं। भोपालपटनम के अनुविभागीय अधिकारी चित्रकांत ठाकुर को इसका जिम्मा सौंपा गया है। घायल का रायपुर के एमएमआई अस्पताल में इलाज जारी है। -डॉ. अय्याज तम्बोली, कलेक्टर, बीजापुर
फरवरी में थी शादी
मृतक नंदू के पिता और उसूर ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष सुकलू पुनेम ने बताया कि फरवरी में नंदू की शादी होनी थी।
रायपुर में घायल के पैर से निकाली गोली
बीजापुर में सीआरपीएफ की फायरिंग में घायल सुक्कू कक्केम (24) को रायपुर रेफर किया गया था, जहां एक निजी अस्पताल में मंगलवार को पैर में लगी गोली निकाल दी गई है। अभी उसके रिश्तेदार नहीं पहुंचे हैं। आईसीयू में कड़ी सुरक्षा में रखे गए सुक्कू से जब नईदुनिया प्रतिनिधि ने घटनाक्रम की जानकारी लेना चाही तो वह कुछ भी बताने तैयार नहीं हुआ। बस यही कहता रहा कि उसे डर लग रहा है। वह उस दिन के बारे में एक शब्द नहीं कहेगा।








