Oct 28, 2016
कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर अध्यापन में आपकी रुचि हो, तो आवश्यक शैक्षणिक योग्यता के अलावा नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट भी क्लियर करना अनिवार्य है। इस एंट्रेंस टेस्ट से संबंधित अधिसूचना हाल ही में जारी की गई है। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 14 नवंबर 2016 है।इस वर्ष की परीक्षा का आयोजन 22 जनवरी 2017 को किया जा रहा है।
नेट का स्वरूप
नेट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट का आयोजन प्रतिवर्ष दो बार (जून और दिसंबर) विश्विद्यालय अनुदान आयोग (यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन) के लिए सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) द्वारा किया जाता है। इसमें ह्यूमनिटीज, लैंग्वेज, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, सोशल साइंस आदि विभिन्न विषयों के एकेडमिक बैकग्राउंड वाले विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं। इसका बुनियादी मकसद टीचिंग और रिसर्च के क्षेत्र में जाने वाले विद्यार्थियों की परख कर उत्तम गुणवत्ता के स्तर को बनाए रखना है।
अखिल भारतीय पैमाने पर संचालित की जाने वाली इस परीक्षा में लाखों ऐसे युवा शामिल होते हैं, जो कॉलेज, यूनिवर्सिटी के टीचिंग प्रोफेशन से जुड़कर अपना कॅरियर बनाने में दिलचस्पी रखते हैं। इसके अलावा रिसर्च के क्षेत्र में अपने भविष्य की रूपरेखा बनाने के इच्छुक विद्यार्थियों के लिए यह परीक्षा एक तरह से एंट्री गेट का काम करती है, क्योंकि इसमें सफल युवाओं को जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) भी प्रदान की जाती है।
शैक्षणिक योग्यता
कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ मास्टर डिग्री पाने वाले विद्यार्थी ही इस टेस्ट में शामिल हो सकते हैं। आरक्षित वर्ग के कैंडीडेट्स के लिए अंकों में छूट का भी प्रावधान है।
आवेदन की प्रक्रिया
सीबीएसई की वेबसाइट www.cbsenet.nic.in से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 14 नवंबर 2016 है और इस वर्ष की परीक्षा का आयोजन 22 जनवरी 2017 को किया जा रहा है। अखिल भारतीय स्तर की यह परीक्षा देशभर के 87 परीक्षा केंद्रों पर 79 विषयों के लिए संचालित की जाएगी। http://www.ugc.ac.in और http://www.ugcnetonline.in/ जैसी वेबसाइट भी इस परीक्षा की दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण हैं।
परीक्षा पैटर्न
एक दिन में आयोजित की जाने वाली इस परीक्षा में कुल 3 पेपर होते हैं। ये पेपर क्रमशः 100, 100 और 150 अंकों के होते हैं। पहले प्रश्न-पत्र में रीजनिंग एबिलिटी, कॉम्प्रिहेंशन, जनरल अवेयरनेस आदि पर आधारित 60 प्रश्न होते हैं, जिनमें से 50 प्रश्न करने को कहा जात़ा है। दूसरा और तीसरा प्रश्न-पत्र प्रत्याशी द्वारा चयनित विषय से संबंधित होता है। इन दोनों प्रश्न-पत्रों के सारे ही प्रश्नों (क्रमशः 50 और 75 प्रश्न) को हल करने की अनिवार्यता होती है। ये सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के होते हैं।
सिलेबस पर नजर
इस बारे में अधिक और विस्तृत जानकारी आपको वेबसाइट से मिल सकती है। प्रत्येक विषय से संबंधित सिलेबस को डाउनलोड भी किया जा सकता है। प्रायः मास्टर डिग्री कोर्स के स्तर का ही सिलेबस प्रत्येक विषय के लिए होता है। यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि नेट एग्जाम का उद्देश्य प्रत्याशियों के टीचिंग एप्टीच्यूड, रिसर्च एप्टीच्यूड, कम्युनिकेशन स्किल, रीजनिंग पॉवर, डेटा इंटरप्रेटेशन, इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी आदि की समझ की परख करने के साथ-साथ संबंधित विषय के ज्ञान का आकलन करना भी है।
बेहतर तैयारी के लिए
- एग्जाम के पैटर्न और विषय के सिलेबस से संबंधित समस्त जानकारियां समय रहते हासिल कर लें।
- इंटरनेट पर उपलब्ध इस परीक्षा की जानकारियों से लाभ उठाने का भरपूर प्रयास करें।
- जितना भी समय रह गया है, उसके अधिकतम इस्तेमाल को ध्यान में रखते हुए पढ़ाई का टाइम-टेबल तैयार करें और आज से ही तैयारी में जुट जाएं।
- मत भूलें कि गत वर्षों की नेट परीक्षा के पेपर से प्रश्नों की विविधता और उनके स्तर के बारे में काफी कुछ जानकारी मिल सकती है।
- देश की हायर एजुकेशन प्रणाली और इसकी विशेषताओं से जुड़ी जानकारियों से स्वयं को अपडेट रखें, क्योंकि इस विषय पर प्रश्न आम तौर पर पूछे जाते हैं।
- जनसंचार से संबंधित सिद्धांतों और अन्य बारीकियों पर आधारित कॉन्सेप्ट्स पर अवश्य नजर डालें।
- टीचिंग की अवधारणाओं को समझने का ठीक से प्रयास करें। मानकर चलें कि इस टॉपिक पर कुछ अंकों के प्रश्न जरूर होंगे।
- रिसर्च की विभिन्न पद्धतियों और उनके सैद्धांतिक पहलुओं का ज्ञान परीक्षा में कुछ अतिरिक्त अंक दिलाने में सहायक हो सकता है।
- तैयारी के दौरान करंट अफेयर्स की जानकारी भी हासिल करते रहें।
- एंवॉयरमेंट के टॉपिक को समझने में स्कूली स्तर की एनसीईआरटी की पुस्तकें उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं।
- डेटा इंरप्रेटेशन के संबंधित प्रश्नों को भली प्रकार से करने के लिए 10वीं के मैथ्स, खासतौर पर स्टैटिस्टिक्स को दोहराना लाभकारी हो सकता है।
- कॉम्प्रिहेंशन पर आधारित प्रश्नों के लिए गाइड की सहायता से प्रैक्टिस करने से परीक्षा के समय काफी आसानी हो जाती है।
- पिछले वर्षों के पेपर के अलावा नेट एग्जाम पर आधारित सैंपल पेपर की प्रैक्टिस करने का निर्धारित समय सीमा में प्रयास करें।
- परीक्षा के लिए चुने गए अपने विषय की बेसिक्स को एक बार अवश्य देखें। इसके अलावा विषय की लेटेस्ट जानकारियों और सूचनाओं से स्वयं को अवगत रखना इस क्रम में बेहद जरूरी है।
- ऐसी परीक्षाओं की तैयारी में अकसर लोग रिवीजन के महत्त्व को नजरअंदाज कर देते हैं। इसका नतीजा होता है कि आगे की तैयारी पर ही पूरा ध्यान रहता है, लेकिन पिछला भूलता चला जाता है। इसलिए साप्ताहिक रिवीजन का प्रावधान रखना अच्छी रणनीति कही जा सकती है।
क्या करें, क्या न करें
- परीक्षा के दौरान इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
- प्रश्न-पत्र, खासतौर पर प्रत्येक खंड के निर्देशों को ठीक से पढ़ने के बाद उत्तरों को चिह्नित करने की शुरुआत करें।
- जरूरी नहीं कि प्रश्न-पत्र के क्रम के अनुसार उत्तर दें।
- एक ही प्रश्न पर ज्यादा समय कतई नहीं लगाएं।
- निर्देश या प्रश्न समझने में दिक्कत हो रही हो तो उपस्थित इनविजिलेटर से पूछने में झिझक नहीं होनी चाहिए।
- अगल-बगल के प्रत्याशियों की बातों पर बिलकुल ध्यान नहीं देते हुए संपूर्ण फोकस उत्तर लिखने में लगाएं।
- समूचा प्रश्न-पत्र करने के बाद कुछ समय बचे हुए सवालों को हल करने में लगा सकते हैं।
- अंत में किसी प्रकार की भूल-चूक से बचने के लिए एक बार फिर से चिह्नित उत्तरों को देख लें।