Apr 26, 2025
ईसाई कैथोलिक धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल को 88 साल की उम्र में निधन हो गया। जिनके अंतिम संस्कार की विधि आज पूरी की जा रही है। इस दौरान वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्वायर में रखे पोप के शव का लाखों लोगों ने दर्शन किया। इस मौके पर 170 देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहें। भारतीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई शामिल हुए। इस मौके पर भारतीय राष्ट्राध्यक्ष महोदया ने पोप को श्रद्धांजलि दी और फूलों का गुछा देकर उनका सम्मान किया।

फ्रांसिस पहले पोप जिसे वेटिकन के बाहर दफनाया जाएगा
पोप फ्रांसिस के अंतिम विदाई की विधियां प्रारंभ हो चुकी है। जिसके लिए परंपरा के अनुसार पहले पोप के शव को सेंट पीटर्स बेसिलिका से निकालकर सेंट पीटर्स स्क्वायर में रखा गया है, जहां मृत्यु के बाद की ईसाई धर्म की सारी विधियां पूरी की जाएगी। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के बाद पोप को लकड़ी के सादे ताबूत में रोम के सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका तक ले जाया जाएगा। जहां उन्हें दफनाया जाएगा। ये सेंट पीटर्स स्क्वायर से करीब 4 किमी दूर है। बीते 100 साल में फ्रांसिस पहले पोप है जिन्हें वेटिकन के बाहर दफनाया जा रहा है।
पोप फ्रांसिस क्यों सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका में दफनाया जा रहा ?
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक पोप फ्रांसिस ने अपने वसीहतनामा में अपनी अंतिम इच्छा भी लिखी थी। जिसमें उन्होंने लिखा गया था कि फ्रांसिस को मृत्यु के बाद वेटिकन सिटी की जगह सांता मारिया मैगियोरे बेसिलिका में दफनाया जाए। दरअसल पोप फ्रांसिस का सांता मारिया से गहरा संबंध था । वो अक्सर वहां प्रार्थना करने जाते थे। बता दे कि इससे पहले भी ईसाई धर्म में परंपराओं के विपरीत जा कर पोप जॉन पॉल द्वितीय उनके इच्छा के अनुसार लकड़ी के सादे ताबुत में दफलाया जा चुका है।
कैथोलिक धर्मगुरुओं की मृत्यु के 4 या 6 दिन बाद होता है उनका अंतिम संस्कार
ईसाई धर्म में पूरे विधि-विधान से पुरानी परंपराओं को अनुसार कैथोलिक धर्मगुरुओं का अंतिम संस्कार किया जाता है। इस सयम चरणबद्ध तरीके से रस्में निभाई जाती है। पोप की मुत्यू होने पर पहले कैमरलेंगो (एक वरिष्ठ कार्डिनल) पोप की मृत्यु की औपचारिक पुष्टि करता है। वह पोप को तीन बार नाम से पुकारता है। और उत्तर न मिलने पर उनकी अंगूठी को तोड़ देता है। ताकि उसका कोई दुरुपयोग न हो सके।
ईसाई धर्म में पोप के मृत्यु पर 9 दिनों तक मनाया जाता है शोक
ईसाई धर्म में पोप के मृत्यु का शोक 9 दिनों तक मनाया जाता है। मृत्यु के चौथे या छठे दिन शव को दफनाने के लिए सेंट पीटर्स बेसिलिका रखी जाती है। दफन करने वाले दिन शव को सेंट पीटर्स स्क्वायर में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाता है। इस दौरान लाखों की संख्या में लोग पोप के दर्शन करते है। इस आखिरी दर्शन में देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होते है। आमतौर पर पोप वेटिकन सिटी में ही दफनाया जाता है।