Oct 1, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए दलित छात्र को उसका हक दिलवाया. मामला यूपी के मुजफ्फरनगर का है जहां 18 साल के अतुल को IIT धनबाद की सीट अलॉट हुई थी अतुल का पैसों की तंगी की वजह से एडमिशन रुक गया था , दरअसल अतुल को फीस के 17,500 रुपए जमा करने थे. परंतु आर्थिक तंगी के चलते वह समय से पैसे नही जमा कर पाया था. जिस वजह से उसे Admission नहीं मिल सका. लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और अपना हक पाने के लिए High Court का दरवाजा खटखटाया. अतुल ने पहले झारखंड हाईकोर्ट में गुहार लगाई जब उसके पक्ष में फैसला नही आया तो वह मद्रास हाईकोर्ट गया जिसके बाद भी अतुल के पक्ष में सुनवाई नही की गई. तो अतुल सुप्रीम कोर्ट में अपील करने पहुंचा।
CJI चंद्रचूड़ ने छात्र को कहा ऑल द बेस्ट
उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर के छात्र अतुल कुमार का IIT धनबाद में पढ़ने का सपना पुरा हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने Article 142 के तहत मिली अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अतुल को IIT धनबाद में Admission देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा, ‘प्रतिभाशाली छात्रों को उनका हक मिलना चाहिए हमें ऐसे छात्रों को निराश नहीं करना चाहिए। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कोर्ट में छात्र को ऑल द बेस्ट कहा.
अतुल की 1455 रैंक आई थी
अतुल को मद्रास IIT Rank 1455 के आधार पर IIT धनबाद में एडमिशन लेना था। जिसके लिए 24 जून की शाम 5 बजे तक फीस जमा करनी थी. परिवार रुपए नहीं जुटा सका. पिता राजेंद्र ने पैसों के लिए गांव के ही एक व्यक्ति से बात की थी, लेकिन वक्त पर रुपए नहीं दिए। फीस का इंतजाम करने में शाम 4:45 बज गए. जब तक वेबसाइट पर डेटा अपलोड करते, समय समाप्त हो गया।
छात्र ने पहले SC- ST आयोग में प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन कोई राहत नहीं मिली. इसके बाद छात्र पहले झारखंड High Court और फिर मद्रास High Court पहुंचा. मद्रास High Court के बाद प्रकरण Supreme Court कोर्ट पहुंचा.
ऐसा टैलेंट हम खो नही सकते
कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि अतुल जैसे प्रतिभाशाली छात्र, जो समाज के वंचित तबके से आता है, जो पुरी मेहनत और लगन के साथ पढ़ कर दाखिले के लिए पूरी कोशिश करते हैं. उन्हें अदालत शिक्षा से वंचित नहीं रहने दे सकती. कोर्ट ने अतुल को IIT धनबाद में Electronic Engineering के बीटेक कोर्स में एडमिशन का आदेश दिया कोर्ट ने अतुल को एडमीशन के साथ ही हॉस्टल की सुविधा देने को भी कहा.