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मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन एंड आईटी डिपार्टमेंट कर रहा फर्जी एक्सचेंज की जांच

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Oct 6, 2017

रायपुर : पुलिस द्वारा फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज गिरोह के खुलासे के बाद अब देश के मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन एंड आईटी डिपार्टमेंट ने इसे संज्ञान में ले लिया हैं। अधिकारियों की माने तो ऐसी खुफिया एजेंसियों के जरिए आईएसआईएस, अलकायदा, ईसिस और डी कंपनी जैसी आतंकवादी संगठनों द्वारा फर्जी एक्सचेंज के जरिये अपने खुफिया एजेंटों को फोन पर सारी सूचनाएं दी जाती हैं।

यही नहीं इससे देश की सुरक्षा में भी सेंध लगाया जा रहा हैं। हालांकि टेली इंफोर्समेंट रिसोर्सेस एवं मॉनिटरिंग डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने इस से निपटने एक नई सुरक्षा प्रणाली को लागू करने की बात कही हैं। जिसमें ऐसे फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के द्वारा की जाने वाली कॉल्स को भी ट्रेस किया जा सकेगा।

बता दें कि अमेरिका के आतंकी हमलों में भी इसी टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया गया हैं। मुंबई हमले में भी पकिस्तान के आतंकवादी संगठन ने इसी के जरिये भारत में दहशत फैलाने की कोशिश की गई थी। ऐसे में इस खुलासे के बाद देश की सुरक्षा को लेकर फिर से कई सवाल खड़े होने लगे हैं।

इसके अलावा देशभर में लोगों से ऑनलाइन ठगी कर भी करोड़ों रुपए आतंकवादियों तक पहुंचाने की बात से भी इंकार नहीं किया गया हैं। हालांकि रायपुर पुलिस ने अभी आरोपियों से पूछताछ में और भी कई खुलासे होने की बात कही हैं।

ये है मामला

आपके मोबाइल में भी अज्ञात मोबाइल नंबरों से लाखों करोड़ों रुपए की लॉटरी लगने के फर्जी कॉल आते होंगे। ऐसे ही एक मामले में रायपुर के एक व्यक्ति के साथ हुई ठगी के मामले में छत्तीसगढ़ एटीएस ने जांच शुरू की और एक बड़े फर्जीवाड़े का परत दर परत खुलासा होता चला गया।

एटीएस की जांच में अवैध रुप से टेलीफोन एक्सचेंज संचालित करने की जानकारी आई, तो अधिकारियों के कान खड़े हो गए। एटीएस व पुलिस की जंबो टीम इस मामले के तह में जाने के लिए लगा दिया गया। 40 सदस्यीय दो टीम मुंबई और दिल्ली जा कर इस पूरे मामले की जांच में लग गई।

जांच के दौरान पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज सेट-अप बॉक्स संचालित करने वाली जगहों में दबिश देकर मुंबई से 5 और दिल्ली से 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर, उनके पास से 10 सिम बॉक्स बरामद किया।

ऐसे करते थे काम

सिम बॉक्स इंडियन गेटवे को बाईपास कर देता और एक अवैधानिक गेटवे बनाकर विदेशों से आने वाले सारे कॉल को सिम बॉक्स में विशेष स्विच vos 3000 की मदद से परिवर्तित कर देता हैं। इसके साथ ही विदेशी नंबर को भारतीय नंबर में भी बदल लेता हैं।

यह सिम बॉक्स 8, 16, 32, 64 स्लॉट का होता हैं। जिसमें एक साथ इतनी संख्या में सिम इंस्टाल रहता हैं। यह गिरोह चाइना की स्काई लाइन कंपनी के प्रोडक्ट सिम बॉक्स और सिम बैंक को ऑन लाइन शॉपिंग एप्लीकेशन अली बाबा के माध्यम से खरीदते थे।

आरोपियों द्वारा इनस्टाल किए गए सिम बॉक्स का सर्वर चाइना में हैं। आरोपियों को इसे संचालित करने के लिए विदेशी करेंसी का भुगतान एरिस नाम का एक व्यक्ति करता था। आरोपियों को एरिस द्वारा 1 कॉल पर प्रति मिनट 13 पैसा दिल्ली में और 16 पैसा मुंबई में भुगतान किया जाता था।

ऐसे कॉल आने पर क्या करें 

केंद्र सरकार ने ऐसे फर्जी कॉलरों पर शिकंजा कसने एक संस्था बनाई हैं। हैदराबाद से संचालित इस संस्था के द्वारा मोबाइल पर आने वाले शार्ट नम्बर्स, स्क्रीन पर नहीं दिखाई देने वाले नम्बर्स और इंटरनेशनल कॉल्स को लोकल में कन्वर्ट करने वाले नम्बरों को ट्रेस कर उन पर लगाम कसी जाती है, लेकिन इसके लिए हम सभी को जागरूक और जिम्मेदार नागरिक की तरह ऐसे फोन कॉल्स और नम्बरों की जानकारी तुरंत ही सरकार को देनी होगी। सरकार द्वारा टोल फ्री नंबर 1963 और 1800110420 जारी किया गया हैं। जिसपर तुरंत इन नम्बरों की जानकारी दी जा सकती हैं।