Nov 29, 2018
अजय गुप्ता : कोरिया जिले के चिरमिरी क्षेत्र में एसईसीएल में 29 साल तक फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी करने वाले एक आरोपी कामगार को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
इस मामले में अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया गया है ,जिनके चलते पात्र उम्मीदवार भटकता रह गया और उसकी जगह पर किसी दूसरे की नौकरी लग गई।
बता दें कि पोड़ी थाना क्षेत्र के उपनिरीक्षक व विवेचना अधिकारी केके राजवाड़े ने बताया कि पुलिस के पास इस मामले में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसमें बताया गया था कि चरचा कालरी में काम करने वाले रामधनी राम ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी हासिल कर ली है। इस शिकायत की जांच करने पर मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक
रामधनी राम पिता तुगनराम मूल रूप से ग्राम अजबनगर थाना जयनगर जिला सूरजपुर का रहने वाला है ।
गौरतलब है कि वर्ष 1989 में सूरजपुर जिले के थाना जयनगर के ग्राम गंगापुर के रहने
वाले बितना राम पिता गवटू राम की मौत होने के बाद खुद को उसका पुत्र बताकर अनुकंपा नियुक्ति के लिए दावा पेश किया था। इस आधार पर उसकी अनुकंपा नियुक्ति हो गई,
और बीते 29 साल से नौकरी कर रहा था। तबादला होने पर वह चरचा कालरी चला गया था ।मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया जहां उसे जेल भेज
दिया गया।
पुलिस ने इस मामले में आरोपी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की है ।अब सवाल ये उठता है कि जब युवक को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई तो उस समय उसके द्वारा पेश किए दस्तावेजों का परीक्षण क्यों नहीं किया गया जिसके चलते उस समय पदस्थ अधिकारियों की मिलीभगत से खुद के जितना राम का पुत्र होने संबंधित फर्जी दस्तावेज तैयार कर इसी जगह पर नौकरी पा ली और जिस समय उसे नौकरी हासिल की समय के अधिकारी फिलहाल स्थानांतरित हो गए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जिन अधिकारियों ने इस फर्जीवाड़े में अपना सहयोग दिया था उन पर कार्यवाही कैसे होगी।