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गरियाबंदः लाखों रुपये खर्च करके लगाये गये वाटर एटीएम बंद पड़े

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Apr 28, 2019

पुरूर्षोत्तम पात्र- लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी यदि योजना शुरु ना हो और उसका लाभ लोगों को ना मिले तो योजना पर सवाल उठाना लाजमी है। गरियाबंद के राजिम बस स्टैंड पर लगे वाटर एटीएम की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। शासन ने लाखों रुपये खर्च करके वाटर एटीएम तो लगा दिया, मगर चालू ना होने कारण इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। नतीजा आज भी लोगों को तपती धूप में एक गिलास पानी के लिए तरसना पड रहा है, या फिर खरीद कर पानी पीना पड रहा है।

बस स्टैंड पर पेयजल के अभाव में यात्री हो रहे परेशान

नगरीय प्रशासन विभाग दवारा शहरी क्षेत्र के सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गरियाबंद के राजिम बस स्टैंड पर सात लाख की लागत से लगाया गया वाटर एटीएम महज एक दिखावा बनकर रह गया है। दो साल पहले लगे इस एटीएम का लाभ लोगों को आज तक सही ढंग से मिल ही नहीं पाया। पिछले दो महीने से तो एटीएम बिल्कुल बंद है, अब तो एटीएम के हालात ऐसे हो गये हैं कि उसके गेट पर ताला लटका हुआ है और सामने में किसी ने फ्रूट की दुकान खोल ली है। यही नहीं अब तो इस एटीएम को दूर से पहचान पाना भी लोगों के लिए मुश्किल हो गया है। बस स्टैंड पर दिनभर हजारों लोगों का आना-जाना लगा रहता है। मगर बस स्टैंड में पानी का कोई और साधन ना होने के कारण यात्री दूकान से पानी खरीदकर पीने पर मजबूर हैं।

स्थानीय प्रशासन एटीएम का संचालन ठेका पद्धति से होने की बात कहकर खुद को बेबस बता रहा

वाटर एटीएम से लोगों की प्यास भले ही ना मिट पा रही हो, मगर चुनाव में भी एटीएम नेताओं के काम जरुर आ गया। एटीएम के उपरी हिस्से पर लगा भाजपा का फ्लैक्स और नीचले हिस्से पर लगी कांग्रेस के पंचा निशान की तोरण, ये बताने के लिए काफी है कि दोनों पार्टियों को एटीएम की जानकारी है। मगर वो चालू है या नहीं यह जानने की फुर्सत, न भाजपा नेताओं के पास है और न ही सत्ता के नशे में चूर कांग्रेस नेताओं के पास है। वहीं स्थानीय प्रशासन एटीएम का संचालन ठेका पद्धति से होने की बात कहकर खुद को बेबस बता रहा है।

सरकार यदि पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं में भी इस तरह की लापरवाही बरतेगी तो लोंगो की नाराजगी तो बढेगी ही। साथ ही सरकार के प्रति लोगों के नजरिये में भी अंतर आयेगा।