Apr 26, 2020
नई दिल्ली: कोरोना महामारी पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से संवाद शुरू किया गया है। आपदा काल में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'वर्तमान परिदृश्य और हमारी' भूमिका विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि कोरोना से पूरा विश्व जूझ रहा है। जीवन तो चल रहा है। स्वयंसेवकों को लगता होगा कि शाखाएं बंद है, दैनिक कार्यक्रम बंद हैं तो संघ का काम बंद है, ऐसा नहीं है। संघ का काम जारी है, बस उसका स्वरूप बदल गया है। घर में रहना ही उपचार है।
प्रचंड रूप से संघ के सेवा कार्य जारी
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि, "कोरोना से बचाव के लिए घर में ही रहें। प्रचंड रूप से संघ के सेवा कार्य जारी है और उसको समाज देख रहा है। स्वयं की कोशिश से अच्छा बनना और समाज को अच्छा बनाना ही अपना काम है। एकांत में आत्मसाधना और परोपकार संघ कार्य का स्वरूप है। सिर्फ संघ के लोगों के लिए ही नहीं बल्कि समाज के लिए भी कुछ बातें साफ़ हैं। अपने स्वार्थ की पूर्ति या अपना डंका बजाने के लिए हम काम नहीं कर रहे। यह समाज हमारा है, इसलिए हम समाज की सेवा कर रहें हैं। अहंकार को त्याग कर बगैर श्रेय के काम करना है।" अपने संबोधन में आगे कहा कि, "हम अपना डंका बजाने के लिए काम नहीं करते। दुनिया के दुखों को दूर करना संघ का काम है। लोगों को बताने से पहले स्वयं स्वास्थ्य नियमों का पालन करें। कोरोना से डरना नहीं, क्योंकि डरने से संकट और गहरा जाता है। हम इसलिए काम करते हैं क्योंकि ये राष्ट्र हमारा है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए काढ़ा पीयें। हमें सेवा करते हुए सतर्क भी रहना है।"