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नक्सली इलाकों में तैनात सुरक्षा बलों ने फूंका पुतला, कानूनविदों ने बताया नियम के खिलाफ

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Oct 27, 2016

रायपुर/बस्तर। छत्‍तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने गुरूवार को बस्‍तर में रैली निकालकर नक्सल समर्थकों, नेताओं और पत्रकार के पुतले जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं कानूनविद सहायक आऱक्षकों के इस प्रदर्शन को नियमों के खिलाफ बता रहे हैं। कानूनविद के मुताबिक कानून इस तरह के प्रदर्शन को मंजूरी नहीं देता, आरक्षकों का प्रदर्शन कानून के खिलाफ है। 

दरअसल, छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद का दंश झेल रहे इलाकों को नक्सलवाद से मुक्ति दिलाने बस्तर पुलिस माओवादियों के खिलाफ लगातार ऑपरेशन चला रही है। माओवादियों के खिलाफ चलाये जा रहे  ऑपरेशन पर कई बार फर्जी मुठभेड़ करने का भी आरोप लगा है। बस्तर के ताड़मेटला, तिम्मापुर और मोरपल्ली गांवों में आदिवासियों के 252 घर जलाने और बलात्कार के आरोपों से पुलिस घिरी हुई है। पुलिस महकमें की तरफ से इस तरह का प्रदर्शन देश में पहली बार देखने को मिला है। 

जगदलपुर के कानूनविद संकल्प दुबे सहायक आरक्षकों के इस प्रदर्शन को नियमों के खिलाफ बता रहे हैं। जबकि नक्सलवाद के खिलाफ जंगलों में तैनात सुरक्षा जवानों का कहना है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में हम शांति कायम करने के लिए लड़ रहे हैं। इसलिए हमारा प्रदर्शन कानून के दायरे में रहकर किया गया है।