Mar 6, 2019
राम कुमार यादव- अंबिकापुर, दानी कंपनी की खनन परियोजना के विरोध में ग्रामीणों ने ब्लॉक आफिस उदयपुर तक 28 किलोमीटर की पदयात्रा निकाली। तकरीबन दो घंटों तक कार्यालय के सामने आंदोलन करने के बाद ग्रामीण वापस लौट गए। नाराज़ ग्रामीणों ने राजधानी जाकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने की बात कही है।
परियोजनाओं को आदिवासी के अधिकारों का हनन कर संचालित किया जा रहा
उदयपुर में संचालित परसा ईस्ट केते बासन कोयला खदान और प्रस्तावित परसा कोल ब्लॉक राजस्थान राज्य विधुत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित हैं। इसका ठेका एसडीओ के माध्यम से अडानी कंपनी के पास है। लोगों का आरोप है कि इन दोनों परियोजनाओं को यहां के आदिवासी और अन्य परंपरागत वन समुदायों के अधिकारों का हनन कर संचालित किया जा रहा हैं। लोगों का यहां तक कहना है कि कंपनी और शासकीय कर्मचारी मिलकर साजिशन फर्जी जानकारियों के आधार पर फर्जी ग्रामसभाओं के प्रस्ताव तैयार कर इन खनन परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करवा रहे हैं। परसा कोल ब्लॉक के लिए ग्रामसभा की सहमति के बिना ही गैरकानूनी तरीके से भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई की जा रही हैं, जिसे वर्तमान सरकार के द्वारा निरस्त नहीं किया गया।
एसडीएम ने ग्रामीणों से मिलने से किया इंकार
वहीं परियोजना के लिए अडानी कंपनी ने वन एवं पर्यावरण स्वीकृति हासिल करने के लिए फर्जी ग्रामसभा के प्रस्ताव को तैयार कर केंद्रीय मंत्रालय को भेजे। इससे नाराज ग्रामीण कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वे लंबी पैदल यात्रा कर एसडीएम कार्यालय पहुंचे, लेकिन एसडीएम ने उनसे मिलने से इंकार कर दिया और चार लोगों से आफिस में बैठकर बात करने को कहा। इससे नाराज़ ग्रामीण 2 घंटे तक वहीं धरने पर बैठे रहे। इसके बाद ग्रामीणों को बिना ज्ञापन सौंपे, निराश होकर लौटना पड़ा।