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15 दिसंबर तक 500 के नोट से करें बिल का भुगतान

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Nov 26, 2016

अब आप सिर्फ 500 के पुराने बंद हो चुके नोट से ही बिजली-पानी व भवनकर का भुगतान कर सकते हैं। 15 दिसंबर तक 500 के नोट से रजिस्ट्रेशन फीस (निबंधन शुल्क) और स्टांपवादों में आरोपित अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क भी अदा की जा सकेगी। केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार से खास तरह के भुगतान में सिर्फ 500 रुपये के पुराने नोट के चलन को 15 दिसंबर तक बढ़ाए जाने के बाद राज्य सरकार के संबंधित महकमों ने भी प्रदेशवासियों को देय बिल, टैक्स, पेनाल्टी आदि को 500 रुपये के नोट में ही भुगतान की सुविधा दे दी है।

पॉवर कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक एपी मिश्र ने बताया कि बिजली के बिल का भुगतान 15 दिसंबर तक पुराने 500 रुपये के नोट से किया जा सकता है। मिश्र ने बताया कि आठ नवंबर को 500-1000 के नोट बंद होने के बाद से अब तक तकरीबन दो हजार करोड़ रुपये बिजली का बिल जमा हुआ है। इसमें 452 करोड़ रुपये पुराने बकाए बिल के भुगतान से आया है। वित्तीय संकट से जूझ रहे प्रबंधन की कोशिश है कि अब 15 दिसंबर तक विद्युत बिल के बकाएदारों पर सख्ती कर पुराने नोट के जरिए ही ज्यादा से ज्यादा बिल की वसूली कर ली जाए।

नगर विकास सचिव श्रीप्रकाश सिंह ने भी बताया कि अब नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में जलकर व भवनकर 15 दिसंबर की मध्य रात्रि तक 500 रुपये के पुराने नोट से जमा किया जा सकता है। इस संबंध में सभी संबंधित को निर्देश जारी किए गए हैं। महानिरीक्षक निबंधन और विभागीय प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने भी निबंधन शुल्क के तौर पर 500 रुपये के नोट स्वीकारने का आदेश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री के मौके पर संपत्ति के कुल मूल्य का दो फीसदी या अधिकतम 20 हजार रुपये नकद बतौर निबंधन शुल्क भुगतान करना होता है। 500 रुपये के पुराने नोट से स्टाम्पवादों के निस्तारण में आरोपित देय अतिरिक्त स्टाम्प शुल्क का भुगतान भी किया जा सकेगा।

नोट बंदी का बड़ा असर स्टाम्प राजस्व पर : राज्य सरकार का खजाना भरने में अहम भूमिका निभाने वाले स्टाम्प राजस्व पर नोटबंदी का जबरदस्त असर देखने को मिला है। राज्य सरकार ने नवंबर में स्टाम्प शुल्क आदि से 1170 करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा है। गौर करने की बात यह है कि अब तक मात्र 455.28 करोड़ रुपये यानी कुल लक्ष्य का सिर्फ 38.91 फीसद ही सरकारी खजाने में पहुंचा है। विभागीय प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने बताया कि पिछले महीने अक्टूबर में 1210 करोड़ रुपये राजस्व आय का लक्ष्य था जिसमें से 90 फीसद से अधिक 1092.37 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।

उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक स्टाम्प राजस्व में भारी-भरकम कमी ने चुनावी साल में सरकार की चिंता बढ़ा दी है। सूत्र बताते हैं कि राजस्व में इजाïफा करने के लिए राज्य सरकार, केंद्र की नोट बंदी के साथ ही उन अधिसूचनाओं का अध्ययन करा रही है जिसके तहत खास तरह के भुगतानों को पुराने नोट से करने की छूट दी गई है। सरकार देख रही है कि क्या पुराने नोट से स्टाम्प ड्यूटी को अदा किया जा सकता है? अगर इसमें किसी तरह की विधिक अड़चन न आई तो सरकार जल्द ही पुराने 500 रुपये के नोट से स्टाम्प पेपर खरीदने की भी सशर्त अनुमति दे सकती है।