Feb 10, 2017
सरकारी राशन की दुकानों पर सरकार ने आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। यानि अब बिना आधार कार्ड किसी भी लाभार्थी को सस्ता अनाज नहीं मिल पाएगा। राशन की दूकानों पर होने वाले वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। खाद्य मंत्रालय ने नोटीफिकेशन करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा क़ानून के तहत जिन राशन कार्ड धारकों के पास आधार कार्ड नहीं है वो 30 जून तक आधार कार्ड बनवा लें, या फिर कम से कम उसके लिए आवेदन कर दें।
यह नोटिफिकेशन 8 फरवरी को लागू किया गया है। इसके साथ ही यह तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. लेकिन सरकार ने 30 जून तक का समय देकर ये सुनिश्चित किया है कि जिनके पास फिलहाल आधार कार्ड नहीं है, उन्हें भी खाद्य सब्सिडी का लाभ तबतक मिलता रहे. हालांकि सरकार ने ये साफ़ नहीं किया है कि अगर कोई लाभार्थी 30 जून तक भी आधार कार्ड नहीं बनवाता है तो उसे सब्सिडी का लाभ मिलेगा या नहीं. सरकार का यह फ़ैसला जम्मू कश्मीर, असम और मेघालय को छोड़कर पूरे देश के लिए लागू होगा।
यहां ये बताना ज़रूरी है कि खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ देश में कुल राशन कार्ड धारकों में से लगभग 99 फीसदी धारकों के आधाक कार्ड बन चुके हैं. जिनमें से करीब 80 फीसदी आधार कार्ड या तो राशन कार्ड से या उनके बैंक अकाउंट से लिंक हो चुके हैं। खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश के करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो गेहूं और चावल प्रति माह 2 से 3 रुपये तक कीमत में मिलता है. इस स्कीम पर सरकार को सालाना करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं. क़ानून पिछले नवंबर से पूरे देश में लागू हो चुका है।








