Feb 10, 2017
भोपाल। आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में एटीएस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 3 हजार सिमकार्ड, 50 मोबाइल फोन और 35 सिम बॉक्स बरामद किया। इसके अलावा फर्जी नाम-पते पर खोले गए सैकड़ों बैंक खातों की भी जानकारी मिली है। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ये आईएसआई नेटवर्क के खिलाफ की गई सबसे बड़ी कार्रवाई है। गुरुवार को एटीएस ने एमपी के ग्वालियर से 5, भोपाल से 3 जबलपुर से 2 और सतना से 1 शख्स को गिरफ्तार किया था।
इस हाईटेक जासूसी का मास्टर माइंड सॉफ्टवेयर इंजीनियर गुलशन सेन दिल्ली की कोचिंग में फैकल्टी है और अमेरिकी सेना के लिये अफगानिस्तान में पांच साल काम कर चुका है। अफगानिस्तान से ही उसने पैरलल टेलीफोन एक्सचेंज बनाना सीखा था और भारत में उसने मप्र, उप्र, दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा में टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित किये हैं। हालांकि गुलशन को गिरफ्तार किया जा चुका है और लखनऊ जेल में बंद है। मध्यप्रदेश एटीएस चीफ संजीव समी के अनुसार नवंबर 2016 में जम्मू के आरएसपुरा से सतविंदर और दादू को गिरफ्तार किया गया था। जम्मू, उत्तर प्रदेश एटीएस और केंद्रीय एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर यह कार्रवाई हुई है। कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद इन लोगों के अलावा और कुछ अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ की जा रही है।
गिरफ्तार सभी 11 आरोपियों में भोपाल के तीन, ग्वालियर के पांच, जबलपुर के दो और सतना का एक व्यक्ति शामिल है। इनमें से बलराम सिंह सतना, कुश पंडित, जितेंद्र ठाकुर, रीतेश खुल्लर, जितेंद्र यादव और त्रिलोक सिंह भदौरिया ग्वालियर को अदालत ने बलराम को 14 फरवरी तक और अन्य पांच को 12 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा है। भोपाल से पकड़े गए मयंक, दीपक और जितेंद्र एमपी नगर स्थित एक सेंटर से टेलीफोन एक्सचेंज का संचालन कर रहे थे।
ये गिरोह सेना और केंद्रीय सुरक्षा बलों की महत्वपूर्ण सूचनाएं एकत्रित करता था। वह पुलों, कैम्पों आदि की तस्वीरें, जानकारियां पाकिस्तान भेजते थे। एटीएस ने इनके पास से 3 हजार सिमकार्ड, 50 मोबाइल फोन और 35 सिम बॉक्स बरामद किए हैं। इसके अलावा फर्जी नाम पते पर खोले गए सैकड़ों बैंक अकाउंट्स की भी जांच की रही है। एजेंसियां आईएसआई के नेटवर्क की कई कड़ियों तक पहुंच चुकी हैं। आने वाले दिनों में और भी कई गिरफ्तारी हो सकती है।








