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भोपाल के जाने-माने गजलकार अभय शुक्ला ने 23 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलवीदा , एक्सीडेंट के बाद एक महीने लड़ी जिन्दगीं से जंग

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Jun 11, 2024

 उतरना पार था मुश्किल हमारा , ज़रा नराज था साहिल हमारा. हमारी मां के गहनों से बना है , चमकता क्यों नहीं मुस्क़बिल हमारा.

आज अभय का ये शेर पूरे भोपाल शहर की ज़बान पर है. 23 साल के युवा गज़लकार अभय शुक्ला ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया है. 6 मई को अभय का ख़तरनाक रोड़ एक्सीडेंट हुआ था. जिसमें उन्हे गंभीर ब्रेन इंजरी हुई थी.इस हादसे के बाद से ही वो अस्पताल में भर्ती थे. अभय अपने आप में एक किताब थे. वो किताब जिसमें गजले थी , कवितायें थी और साहित्य के प्रति सर्मपण था. अभय जब मंच पर चड़ते थे तब एक अलग ही समा बांध देते थे. इतनी कम उम्र में अभय ने जो नाम कमाया उससे साहित्य जगत के लोग भी बहुत खुश रहते थे. अभय की कई गजले अमेरिका और यूरोप की पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हो चुकी थी.

 

इकलौती संतान थे अभय

अभय अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी. उनके ईलाज के लिए साहित्यिक बिरादरी क्राउड फंडिंग के जरिए अच्छे पैसों का भी इंतजाम हो गया था लेकिन आखिर में उन्हे नहीं बचाया जा सका. अभय के निधन के बाद से ही पूरे साहित्यिक जगत मे शोक की लहर है औऱ शहर के साथ-साथ देश की भी साहित्यिक हस्तियों ने उन्हे श्रध्दांजलि दी है..

   

Report By:
Devashish Upadhyay.