May 1, 2023
दीपक जोशी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी के बेटे है और मध्य प्रदेश की सरकार में मंत्री भी रह चुके है। देवास जिले में बीजेपी के सबसे वरिष्ठ में से एक है। 2018 के विधानसभा के चुनावों में हारने के बाद से ही मध्यप्रदेश बीजेपी संघठन से उनकी दूरियां बढ़ रही थी।
इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के लिए यह एक बड़ा झटका होगा अगर पूर्व मंत्री दीपक जोशी का मन कांग्रेसी हो गया। पूर्व मंत्री को 2018 में चुनाव हारने के बाद पार्टी से दरकिनार कर दिया गया था। देवास जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के बाद भी उनकी अनदेखी की गई थी। दीपक जोशी बागली , (2003, 2008) और हाथपिपलिया (2013) से तीन विधानसभा चुनाव जीत चुके है और जोशी ने शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास मंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री भी रह चुके है ।
दीपक जोशी कह चुके है की , “मेरे पिता की विरासत ईमानदारी थी। मैंने बागली विधानसभा क्षेत्र के विकास में भ्रष्टाचार से संबंधित विभिन्न मुद्दों को हरी झंडी दिखाई थी, लेकिन उन मामलों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा, "मैं अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाऊंगा, जो अपनी ईमानदारी के लिए जाने जाते थे।"
भाजपा नेता दीपक जोशी 2018 में विधानसभा चुनाव हाटपिपल्या से कांग्रेस उम्मीदवार मनोज चौधरी से हार गए थे। हालाँकि, चौधरी 2020 में भाजपा में शामिल हो गए और बाद के उपचुनाव में हाटपिपल्या से फिर से जीते। चौधरी और तत्कालीन कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार 20 से अधिक अन्य विधायकों ने मार्च 2020 में कांग्रेस की सरकार को गिरा दिया था ,जिससे भाजपा की सत्ता में वापसी हो गयी थी। बस तभी से दीपक जोशी मध्यप्रदेश की बीजीपी की यूनिट से दरकिनार ही नज़र आये है।