Oct 26, 2016
भोपाल। प्रदेश खाद्य विभाग फूड सेफ्टी बिल के नए आदेश का इंतजार कर रहा हैं। केंद्र सरकार के नए नोटिफिकेशन नहीं आने की वजह से खाद्य विभाग, खाद्य पदार्थो के सेंपल लेने के बाद भी उन्हें कोर्ट में पेश नहीं कर पा रहा है। वर्तमान मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ अधिकारी स्वतः ही इस अधिकार से वंचित हो गए हैं।
दरअसल, त्योहार के नजदीक आते ही खाद्य प्रदार्थ में मिलावट की शिकायतें आना शुरू हो जाती हैं। लेकिन इस बार प्रदेश का खाद्य विभाग चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता। केंद्र सरकार का फ़ूड सेफ़्टी एक्ट पर पूरा कंट्रोल है। नियमों के तहत स्थायी जिला औषधि विभाग के पास नहीं है। "जिला अधिकारी क़ानूनी सेम्पलिंग अधिकार" 5 अगस्त 2016 के बाद से समाप्त हो गया हैं। केंद्रीय नोटिफिकेशन के स्वतः समाप्त होने से स्थायी ऑफिसर के बगैर खाद्य पदार्थो की सेम्पलिंग के बाद कार्रवाई नहीं की जा सकती है। इस मामले में कोर्ट में प्रकरण पेश नहीं किया जा सकता है। पूर्व में केंद्र सरकार ने 5 साल के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था जो अब 5 अगस्त 2016 को स्वतः ही समाप्त हो गया हैं। वहीं इस मामले में शिवपुरी के एक व्यवसायी नें ग्वालियर हाईकोर्ट में सेम्पलिंग को चुनौती दे दी है। वहीं फूड अधिकारी इस कार्रवाई से कतरा रहे हैं।