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अक्षयपात्र : 12 करोड का मैकेनाइज्ड किचन स्कूली बच्चों के लिए शुरू

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Jan 25, 2023

मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण, बोले- अन्य संस्थाएं भी आएं सामने तो उनका भी स्वागत

भोपाल। मप्र में अक्षय पात्र फाउंडेशन का पहला मेगा किचन आज शुरू हो गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन की व्यवस्था पुण्य का कार्य है। अक्षय पात्र फाउंडेशन और एचईजी लिमिटेड के साथ मध्य प्रदेश शासन के अनुबंध से भोपाल के निकटवर्ती विद्यालयों के बच्चे लाभान्वित होंगे। इस किचन शेड का निर्माण 12 करोड़ रुपए से किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा यदि शरीर स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ होता है। अन्य संस्थाएं इस क्षेत्र में आगे आएंगी तो उनका भी मध्यप्रदेश शासन स्वागत है। हम बच्चों को बेहतर पोषण दे सकेंगे। इस अवसर पर एचडी लिमिटेड के चीफ एमडी रवि झुनझुनवाला, भीलवाडा ग्रुप के संस्थापक लक्ष्मीनिवास झुनझुनवाला, मनीष गुलाटी, रामकुंवर गुर्जर, अपर मुख्यसचिव मलय श्रीवास्तव उपस्थित थे। चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पीएम पोषण शक्ति निर्माण कार्यक्रम संचालित कर रहे हैं, वहीं मध्यप्रदेश सरकार कक्षा आठवीं तक अध्ययनरत बेटे बेटियों के लिए स्कूल प्रांगण में ही मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था कर रही है।

भोपाल में इसकी शुरुआत सराहनीय है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा एचईजी से किए गए अनुबंध में शासन द्वारा खाद्यान सामग्री दी जाएगी। साथ ही भोजन पकाने की लागत भी सरकार वहन करेगी। ज्ञात हो कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मिलने वाले मिड डे मील यानी दोपहर के भोजन को लेकर कई प्रकार की शिकायतें मिलतीं हैं। खाने की क्वालिटी को लेकर बच्चे शिकायत करते हैं, स्कूल शिक्षा विभाग से लेकर स्थानीय प्रशासन इन समस्याओं से परेशान रहता है। अक्षयपात्र फाउंडेशन अब तक देश भर में 65 रसोइयां तैयार कर चुका है। भोपाल में यह 66 वीं रसोई 12 करोड रुपए में तैयार की गई है। रसोई दो साल पहले तैयार हो गई थी लेकिन कोरोना के कारण शुरुआत नहीं हो सकी।

मैकेनाइज्ड किचन, एक घंटे में 20 हजार रोटियां
राजधानी के शाहपुरा इलाके में मप्र की पहली मैकेनाइज्ड किचन शुरू हुई है। अक्षयपात्र फाउंडेशन ने एचईजी मंडीदीप के सीएसआर फंड से करीब 12 करोड रुपए में यह हाईटेक किचन सेटअप तैयार किया है। अक्षयपात्र फाउंडेशन की किचन | में पूरा खाना हाइजीनिक तरीके से बनाया जाएगा। इस किचन में सब्जियां छीलने | काटने से लेकर आटा गूंथने और रोटियां सेंकने तक का पूरा प्रोसेस मशीनों के जरिए | होगा। इस किचन में लगी मशीन एक घंटे में 20 हजार रोटियां बना सकती है। एक बार में 12 हजार लीटर दाल 125 किलो चावल पक सकेंगे। इस किचन में करीब डेढ़ सौ कर्मचारी प्रतिदिन काम करेंगे।