Dec 14, 2022
सरकार नहीं बनी तो निराश होकर नहीं बैठ गया था...
भोपाल। यंग प्रोफेशनल्स से सीधे संवाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी सरकार के का? किस्सा साझा किया और इसके जरिये युवाओं को नसीहत दी कि थक कर या हार मानकर घर बैठना ठीक नहीं है। शिवराज ने कहा कि ' मेरी बात गांठ बांध लेना 2018 में सरकार नहीं बन पाई थी फिर भी एक मिनट घर नहीं बैठे। बहुमत उनका (कांग्रेस) भी नहीं था पर सीटें ज्यादा थी तो सोचा उनको मौका दो और आगे बढो। घर से निकलकर राज्यपाल के पास गया। इस्तीफा दिया और झोला टांगकर दूसरे दिन से काम में लग गए। मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में भी माहौल ऐसा था कि मामा-मामा के नारे लग रहे थे। गड़बड़ हुई तो मामा विरोध में धरने पर बैठ गया। तभी मैंने कह दिया था कि ये मत मानना कि सब खत्म गया। टाइगर अभी जिंदा है। मस्ती से काम करते हैं। अवसाद में क्यों जाए। आप भी कभी निराश मत होना। आत्मविश्वास और उत्साह से भरे रहें। लक्ष्य बनाओ और उसे प्राप्त करने में जुट जाओ असफलता से घबराने की जरूरत नहीं है।'
यह आयोजन रवींद्र भवन के सभागार में आयोजित सुशासन समागम के नाम से हुआ। प्रशभर से आए यंग प्रोफेशनल से शिवराज ने कहा कि व्यक्ति जैसा सोचता करता है, वैसा बन जाता है। आपने लक्ष्य तय कर लिया और उसे प्राप्त करने का रोडमैप बना लिया। उस पर अनुशासन और कार्ययोजना अनुसार चलें तो परिणाम निकलेगा। अच्छो करोगे तो अच्छा परिणाम ही सामने आएगा में 18-19 घंटे काम करता हूं। मैं न तो रुकूंगा और न ही थकूंगा। जैसी इच्छाशक्ति आपके अंदर होती है, वैसे ही रसायन शरीर से निकलने लगते हैं, जो क्षमता को बढ़ाते हैं। यदि यह सोचेंगे कि मैं कैसे करूंगा, तो नहीं चलेगा। सोच लिया तो कुछ भी असंभव नहीं हैं। स्वामी विवेकानंद कहते थे कि दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं है जो तुम नहीं कर सकते हैं। ये भाव मन में पैदा ही शरीर में स्फूर्ति आती है। वैष्णोदेवी दर्शन के लिए 14 किलोमीटर की चढ़ाई बच्चे हंसते-हंसते चढ़ जाते हैं, इसलिए कभी छोटा मत सोचो। अपने आप को आत्मविश्वास और उत्साह से भरे रहें। कई बार हम काम करते हैं, मेहनत करते हैं पर सफलता नहीं मिलती है तो फिर कोशिश करो। कुछ लोग अवसाद में आ जाते हैं। जिंदादिल रहो।
मुख्यमंत्री नेयुवाओं से कहा कि योजनाओं की निगरानी सरकारी तंत्र के अलावा बाहर से भी होनी चाहिए, इसलिए मुख्यमंत्री मित्र बनाए गये हैं। आप भी मेरे आंख कान हैं। कई बार आपकी रिपोर्ट के आधार पर पूछता रहता हूं और जहां जरूरत पड़ती है कारवाई भी कर देता हूँ। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि काम करने वाले हमें कई संगठन चाहिए।
डॉक्टर नहीं बन सका तो राजनीतिज्ञ बन गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पढ़ने-लिखने मैं ठीक था पिता मुझे डाक्टर बनाना चाहते थे लेकिन मैं लोगों के दर्द देखता था। मेरे मन में भाव पैदा हुआ कि गांव में मजदूरों को मजदूरी कम मिलती है। गांव में मजदूरों को इकट्टा करके आंदोलन किया। जुलूस घर के सामने पहुंचा तो चाचा जी लठ्ठ लेकर निकल आए मजदूर तो भाग गए पर मेरी पिटाई हुई। भोपाल लौट आया। तभी यह विचार आया कि डाक्टर बनकर कुछ लोगों का इलाज ही कर पाऊंगा। फिर राजनीति में आ गया।
पात्रों को लाभ मिले यही सुशासन
मुख्यमंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि सुशासन का मतलब योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों को बिना लिए दिए.. कार्यालयों के चक्कर लगाए बिना मिले इसके लिए मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान चलाया। 83 लाख नाम विभिन्न योजनाओं में बिना किसी कष्ट और लिए दिए जोड़ दिए। इस तरह के काम और कराने हैं। मेरा संकल्प है कि युवाओं के बल पर सुशासन को जनता के बीच लाकर रहूंगा। मुख्यमंत्री ने प्रकृति प्रेम को लेकर पूछे प्रश्न पर कहा कि गांव में जो स्थानीय खेल होते थे, वे प्रकृति से प्रेम सिखाते थे। पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। मन में सोचा कि शिवराज भाषण मत दे, प्रतिदिन पौधे लगा। 18 फरवरी 2021 को अमरकंटक से इसकी शुरुआत की, तब से प्रतिदिन लगा रहा हूँ आप भी जितनी आक्सीजन अपने लिए चाहिए उतने पौधे तो लगाएं।








