Jun 14, 2021
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दूसरी लहर के बीच घोषणा की थी कि कोरोना से दिवंगत लोगों के परिवार को एक-एक लाख रुपए सहायता दी जाएगी। उनकी इस घोषणा को तीन हफ्ते गुजर गए लेकिन न अफसरों को लिखित निर्देश मिल रहे हैं न स्वास्थ्य विभाग को। लोग कोविड की पॉजिटिव जांच के मैसेज और रिपोर्ट के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर दफ्तर-दफ्तर चक्कर काट रहे हैं। कोई जवाब नहीं दे पा रहा है कि आवेदन कहां होगी, प्रोसेस क्या होगी। जिला प्रशासन का कहना है कि दिशा निर्देश आते ही कार्रवाई शुरू की जाएगी। लोग अभी भी कलेक्ट्रेट में आकर अपना आवेदन दे सकते हैं।
भोपाल के छावनी इलाके के निवासी विशेष ने बताया कि उनके पिता की मौत कोरोना से हो गई है। सीएम की घोषणा के बाद उन्होंने जिला प्रशासन से संपर्क किया, लेकिन उनको योजना के बारे में जानकारी ही नहीं दी गई जबकि उनके पास नगर निगम के सर्टिफिकेट से लेकर सभी दस्तावेज है। बता दे विशेष अकेले ऐसे पीड़ित नहीं है। ऐसे कई परिवार है, जिनके घर में कमाने वाले व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई। अब कोई बड़ा कमाने वाला नहीं है। कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से सब काम धंधे भी बंद है। ऐसे में उनका घर चलाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद आर्थिक मदद की आस जगी, लेकिन अब वह भी कागजों से बाहर नहीं आ रही।
योजना में टेस्ट रिपोर्ट हो सकती है अनिवार्य
योजना का स्वरूप दिशा निर्देश आने के बाद ही साफ हो पाएगा। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि योजना में आरटीपीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य की जा सकती है। सरकारी आकड़े के अलावा मौत के मामलों में जिला प्रशासन को निर्णय लेने का अधिकार दिया जा सकता है। साथ ही इसमें दूसरी लहर में मृतकों को ही शामिल करने की बात कही जा रही है।
20 मई को सीएम ने किया था ऐलान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 20 मई को भाजपा विधायकों की वर्चुअल बैठक में घोषणा की थी कि प्रदेश में कोरोना से मरने वाले परिवार को सरकार 1 लाख रुपए का मुआवजा राशि दी जाएगी। इसको लेकर सरकार नियम बनाएंगी। इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।