Feb 3, 2023
भोपाल मध्य प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर उमा भारती की चेतावनी वाले बयानों पर काबू पाने का रास्ता खोज लिया है। अब उमा भारती के मुख्यमंत्री काल में नई शराब नीति में वर्ष 2003-04 की शराब नीति के प्रावधानों को शामिल करने की तैयारी चल रही है। दरअसल उमा भारती पिछले कई महीनों से शराबबंदी की मांग को लेकर मध्य प्रदेश सरकार पर दबाव बना रही हैं। मांगों की तरह दिखने वाले उनके बयान शिवराज सरकार को नागवार गुजर रहे हैं। शराबबंदी को लेकर सत्ता हथियाने के साथ ही उन्होंने संगठन के शीर्ष नेतृत्व से अपनी बात रखी है।
उनकी मंशा के मुताबिक शराब नीति में कोई ठोस आश्वासन या बदलाव नहीं हुआ, उन्होंने खुद शराब की दुकानों पर जाकर विरोध जताया। दूसरी ओर नशाबंदी को लेकर आगे बढ़ रही शिवराज सरकार बार-बार नशामुक्ति की बात दोहरा रही है। सरकार नशाबंदी के लिए सामाजिक भागीदारी वाले अभियान की बात करती है, लेकिन इसका कोई प्रारूप घोषित नहीं किया गया है, बल्कि शराब की बिक्री को बढ़ावा देने जैसे प्रयास नई शराब नीति के प्रावधानों में झलक रहे हैं। सरकार अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहती क्योंकि शराब की बिक्री राजस्व सृजन का एक प्रमुख हिस्सा है।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने कार्यकाल में 'पंचज' यानी जल-जंगल-जमीन, पशु-जनता के साथ स्वावलंबन का मॉडल तैयार किया, उसी के अनुरूप अब नई शराब नीति बनाई जा रही है। ऐसे में उमा भारती के लिए शराब नीति का विरोध करना आसान नहीं होगा और सरकार के लिए राजस्व के विकल्प तलाशने की मुश्किलें खत्म हो जाएंगी। गौरतलब है कि तीन दिन पहले उमा भारती ने फिर चेतावनी दी थी कि अगर नई शराब नीति उन्हें रास नहीं आई तो इसका परिणाम अच्छा नहीं होगा। भोपाल में एक शराब की दुकान के सामने कई दिनों तक धरने पर बैठी रहीं। अब वह रामराजा मंदिर ओरछा के सामने एक दुकान का विरोध कर रही है।
उमा भारती बीजेपी की वरिष्ठ नेता हैं। उनका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा से सीधा और अच्छा संपर्क है। इस विषय पर उनके विचारों का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्री ने मीडिया से भी अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने उमा भारती द्वारा उठाए गए मुद्दों पर भी गंभीरता और सामाजिक संवेदनशीलता के साथ अपनी बात रखी है। जहां तक आबकारी नीति का संबंध है, यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र के अधीन है। उनके अपने परामर्श और चर्चा के बाद जो नीति आएगी वह उचित होगी। -रजनीश अग्रवाल, राज्य मंत्री भाजपा








